शुक्र ग्रह का अस्त होना आंचलिक भाषा में तारा डूबना कहलाता है, जो विवाह के मुहूर्त तय करता है. विवाह का मुहूर्त निकालते समय गुरु तथा शुक्र की आकाशीय स्थिति देखना ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. दोनों ही ग्रह शुभ अवस्था में होने चाहिएं. गुरु के बाद सौरमंडल में शुक्र का नंबर आता है. आकाश में शुक्र ग्रह को आसानी से देखा जा सकता है. इसे संध्या और भोर का तारा भी कहते हैं. आकाश में सबसे तेज चमकदार तारा शुक्र ही है. ज्योतिषियों और वैज्ञानिकों का मानना है कि शुक्र की किरणों का हमारे शरीर और जीवन पर अकाट्य प्रभाव पड़ता है.
शुक्र अशुभ
कुंडली में शुक्र 6या 8 भाव में हो तब शुक्र बहुत खराब फल देता है.ऐसी स्थिति में यदि सप्तम स्थान पर गुरु की दृष्टि से सप्तमेश मजबूत है तब ही विवाह चल सकता है.
केतु के साथ 3 भाव में हो तब भी विवाह में दिक्कत होती है. क्योंकि शुक्र भी कहीं ना कहीं विवाह का कारक ग्रह पुरुष की कुंडली में केतु के साथ बैठना एक बंधन योग हो जाता शादी के लिए और सप्तम स्थान पर केतु की दृष्टि शुक्र के साथ ठीक नहीं होती.
नीच के मंगल के साथ शुक्र होना ठीक नहीं होता. जीवनसाथी धोखा दे सकता है. खास करके यह योग सप्तम स्थान में हो.
चन्द्रमा के साथ शुक्र ठीक फल नहीं देता.ऐसे व्यक्ति अत्याधिक खर्चीला होता है यदि यही योग कुंडली के पंचम या द्वादश स्थान में हो.
राहु के साथ भी शुक्र ठीक फल नहीं देता.कामुकता बड़ा देता है .
महादशा शुक्र की महादशा सबसे शुभ होती है और सबसे ज्यादा वर्ष चलती है शुक्र में राहु की अंतर्दशा और राहु लाभ स्थान पर हो तब इस स्थिति में यदि शुक्र योगकारक ग्रह पंचम या नवम का स्वामी तो बहुत धन देता है.
शुक्र में शनि या बुध की दशा मै धन लाभ होता है.
सटीक उपाय
(A) कच्चे दूध का सीधा संबंध शुक्र ग्रह से सुबह-सुबह कच्चा दूध पीना निश्चित तौर पर शुक्र को बलवान करेगा और कुछ ही माह में यह प्रभाव आपको दिखने लगेगा यह उपाय प्रतिदिन करना है.
(B) शुक्र का सीधा संबंध महालक्ष्मी से मां लक्ष्मी का सीधे संबंध स्फटिक की माला या कमल गट्टे की माला से और महालक्ष्मी का बीज मंत्र या नवार्ण मंत्र
का जाप करने से खराब से खराब शुभ हो जाता है देवी आराधना के साथ कन्या पूजन जरूर करें.
उपाय ज्योतिषीय
शुक्रवार के दिन सफेद वस्तुओं का दान करें.
माता-पिता का आशीर्वाद लेकर घर से निकलें.
शुक्र का शुभ फल प्राप्त करने के लिए सुबह सूर्योदय से पहले उठें.
गुरुजनों का सम्मान करें और उनका आशीर्वाद लें.
शुक्रवार के दिन माता संतोषी की पूजा करें.
स्फटिक की माला धारण करें.
श्री सूक्त का पाठ करना आपके लिए शुभ रहेगा.
शुक्र की मजबूती के लिए आपको शक्कर का दान करना चाहिए.
शुक्रवार को मंदिर में तुलसी का पौधा लगाएं.
प्रत्येक शुक्रवार चींटियों को आटा व पिसी शक्कर मिश्रित कर डालें.
सफेद गाय को नित्य चारा व रोटी दें.
शुक्रवार को शुक्र का दान करें-
दान सामग्री : श्वेत वस्त्र, सौंदर्य सामग्री, इत्र, चांदी, शक्कर, दूध-दही, चावल, घी, स्फटिक, सफेद पुष्प
Krishan Kumar Dawerज्योतिषीय उपाय (ग्रह और आप )
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-