अहमदाबाद. गुजरात हाईकोर्ट ने शनिवार को एक नाबालिग बलात्कार पीड़िता को 27 सप्ताह का गर्भ गिराने की अनुमति दे दी. अहमदाबाद की 16 वर्षीय अनाथ लड़की के पिता ने वकील पीवी पाटडिया के जरिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, तथा चिकित्सीय गर्भपात अधिनियम के प्रावधानों के तहत अपने गर्भ को समाप्त करने की अनुमति मांगी थी.
चिकित्सीय गर्भपात अधिनियम के तहत, 20 सप्ताह से अधिक के गर्भ को समाप्त करने के लिए अदालत की अनुमति की आवश्यकता होती है, यदि यह पाया जाता है कि गर्भावस्था मां या बच्चे के जीवन या स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए जज निर्जर देसाई की अदालत ने गर्भपात की अनुमति दे दी.
मामले की गंभीरता को देखते हुए जज निर्जर देसाई ने सूरत के स्मीमेर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टरों के एक विशेषज्ञ पैनल को मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) अधिनियम के अनुसार शारीरिक परीक्षण करने और अदालत के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया.
स्मीमेर अस्पताल में की जाएगी गर्भपात की प्रक्रिया
अदालत ने पुलिस-निरीक्षक को नाबालिग को अस्पताल ले जाने और व्यवस्था में मदद करने का भी आदेश दिया. नाबालिग की मेडिकल जांच के बाद शुक्रवार को उसकी मेडिकल रिपोर्ट हाईकोर्ट के सामने रखी गई. जिस पर विचार करते हुए अदालत ने स्मीमेर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को नाबालिग के गर्भपात का निर्देश दिया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-राहुल गांधी ने कहा- जैसे अयोध्या में बीजेपी को हराया वैसे मोदी को गुजरात में हराएंगे
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