बांग्लादेश: आरक्षण को लेकर हिंसक प्रदर्शन में अब तक 39 की मौत, 2500 से ज्यादा घायल

बांग्लादेश: आरक्षण को लेकर हिंसक प्रदर्शन में अब तक 39 की मौत, 2500 से ज्यादा घायल

प्रेषित समय :09:05:35 AM / Fri, Jul 19th, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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ढाका। बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर घमासान मचा हुआ है. राजधानी ढाका समेत कई जगहों पर हिंसा भड़क गई. इस हिंसा में अब तक 39 लोगों की मौत हो गई है जबकि सैंकड़ों लोग घायल हो गए. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने ढाका के रामपुरा इलाके में सरकारी बांग्लादेश टेलीविजन भवन की घेराबंदी कर दी और इसके अगले हिस्से को क्षतिग्रस्त कर दिया. साथ ही वहां खड़े अनेक वाहनों को आग लगा दी. इससे वहां पत्रकारों सहित कई कर्मचारी फंस गए. दरअसल, ढाका और अन्य शहरों में विश्वविद्यालय के छात्र 1971 में पाकिस्तान से देश की आजादी के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों के लिए कुछ नौकरियों को आरक्षित करने की प्रणाली के खिलाफ कई दिनों से रैलियां कर रहे हैं.

इसी दौरान प्रदर्शनकारियों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सत्तारूढ़ पार्टी के लोगों के बीच देश भर में हुई झड़पों में कम से कम 18 लोग मारे गए और 2,500 से ज्यादा लोग घायल हो गए. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच बड़ी झड़पें राजधानी के नॉर्थ इलाके में हुईं जहां कई प्राइवेट विश्वविद्यालय स्थित हैं. अधिकारियों ने मरने वालों की तत्काल पहचान जारी नहीं की लेकिन खबरों से पता चलता है कि मृतकों में से अधिकतर छात्र शामिल हैं. इससे पहले, मंगलवार को छह लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, बीती रात एक और मौत की सूचना मिली जिससे एक हफ्ते से अधिक समय पहले शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के बाद से मरने वालों की कुल संख्या 25 हो गई है.

बढ़ती हिंसा के कारण अधिकारियों को गुरुवार दोपहर से ढाका आने-जाने वाली रेलवे सेवाओं के साथ-साथ राजधानी के अंदर मेट्रो रेल को भी बंद करना पड़ा. आधिकारिक समाचार एजेंसी ने बताया कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों को विफल करने के लिए इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही राजधानी सहित देश भर में अर्धसैनिक बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के जवानों को तैनात किया गया है. कई दिनों के प्रदर्शनों और हिंसक झड़पों में कम से कम सात लोगों की मौत के बाद प्रदर्शनकारियों ने बीती रात देश में पूर्ण बंद लागू करने का फैसला लिया.

देश में सरकारी कार्यालय और बैंक खुले रहे क्योंकि अर्धसैनिक बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी), दंगा रोधी पुलिस और विशिष्ट अपराध रोधी रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) ढाका और अन्य प्रमुख शहरों में सड़कों पर तैनात थी, लेकिन सीमित परिवहन के कारण उपस्थिति कम रही. कई कार्यालयों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा.

कानून मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हिंसा की जांच के लिए हाईकोर्ट के न्यायाधीश खोंडकर दिलिरुज्जमां के नेतृत्व में गुरुवार को एक न्यायिक जांच समिति का गठन किया है. प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ पार्टी की छात्र शाखा बांग्लादेश छात्र लीग पर आरोप लगाया कि वह पुलिस के समर्थन से उनके शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर हमला कर रही है.
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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