हर साल लाखों हिंदू भक्त भगवान शिव की पूजा करने के लिए उत्तराखंड राज्य में ऊंचाई पर हिमालय में स्थित इस मंदिर में जाते हैं. इस साल मंदिर ने अक्षय तृतीया (10 मई) को भक्तों के लिए अपने दरवाजे खोले और कार्तिक पूर्णिमा (15 नवंबर) तक खुले रहने की संभावना है. सावन के मौसम में केदारनाथ यात्रा करना काफी मुश्किल हो सकता है. भारी बारिश में श्रद्धालुओं की सेहत बिगड़ सकती है. ऐसे में यात्रा को आरामदायक और यादगार बनाने के लिए आज हम आपको कुछ टिप्स के बारे में बताएंगे. इनको सावन के मौसम में फॉलो करने से आपका सफर बिना किसी परेशानी से आसानी से बीत जाएगा.
छाता-रेनकोट रखें
अगर आप बारिश के मौसम में केदारनाथ यात्रा पर जा रहे हैं तो छाता, रेनकोट, बूट्स, अच्छे कैनवस शूज और छड़ी साथ जरूर रखें. इससे आप भीगने से भी बचेंगे और पहाड़ चढ़ते वक्त फिसलने से भी बच सकेंगे. आप चाहें तो छाता-रेनकोट को रेंट में भी ले सकते हैं.
सेहत का रखें ख्याल
बारिश के दिनों में केदारनाथ यात्रा करना सेहत के लिए गंभीर हो सकता है. ऐसे में first aid kit को यात्रा के दौरान कैरी करें. यह आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है. ऐसे में कभी भी सेहत ठीक महसूस ना हों तो किट का जरूर इस्तेमाल करें.
हाइड्रेट रहें
बारिश के मौसम में प्यास कई लोगों को प्यास कम लगती है. इसके बावजूद भी भरपूर मात्रा में पानी पिएं. आरामदायक और यादगार यात्रा बनाने के लिए शरीर को हाइड्रेट रखें. हमेशा अपने पास साफ पानी की बोतल रखें.
पूरे कपड़े पहनें
मानसून के दौरान जोंक यानी लीच मौजूद होना आम बात है. ऐसे यात्रा के दौरान लंबी आस्तीन और पैंट पहनें, और अपनी त्वचा और कपड़ों पर कीड़े के काटने से बचने के लिए क्रीम या स्प्रे का इस्तेमाल करें. अगर कभी leech चीपक जाती है तो उन्हें हटाने के लिए नमक या लाइटर अपने साथ रखें.
सही जूते पहनें
फिसलन वाले इलाके में पैरों में बैलेंस और स्थिरता लाने के लिए ट्रैकिंग पोल, वाटरप्रूफ गियर, सही जूते का इस्तेमाल करें. ऐसे में चोट लगने से बच सकते हैं.
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