अक्सर प्रवेश द्वार के पार्श्व में Drawing room बनाने की पाश्चात्य प्रथा आज बहुतायत से पायी जाती है. यह वास्तु शास्त्र का सब से अनुपयुक्त नमुना है. परंतु यदि सुरक्षा कारणों से ऐसा करना संभव न हो तो प्रवेश द्वार के सामने या वायव्य एवं पूर्व ईशान के मध्य अथवा दक्षिण आग्नेय के मध्य या दक्षिण - पश्चिम के मध्य जहाँ पर Y चिन्ह लगे हैं, बैठक, स्वागत कक्ष Drawing room बनाना उपयुक्त रहेगा .यह व्यवस्था इस बात पर भी फिट बैठती है कि प्रवेश द्वार जिस दिशा में हो, उसके ही पार्श्व में बैठक का कमरा निकटतम दूरी पर आ जाए. जैसे
(1) उत्तर के प्रवेश द्वार में वायव्य कोण की बैठक.
(2)पूर्व में प्रवेश द्वार में ईशान और पूर्व के मध्य. का स्थान.
(3) दक्षिण दिशा में प्रवेश द्वार होने पर दक्षिण - आग्नेय के मध्य.
(4)पश्चिम में प्रवेश द्वार हो तो नैऋत्य या पश्चिम के मध्य बैठक बनानी चाहिए.
ड्राइंग रूम- कुछ अन्य टिप्स:
1. ESE में ड्राइंग रूम कभी न बनाएं, वरना आपकी मीटिंग व्यर्थ हो जायेंगी, और उपयोगी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाएंगे- क्योंकि यह मंथन का ज़ोन है.
2. SE Zone की मीटिंग भले ही सफल हों, लेकिन विचार- विमर्श शांतिपूर्ण तरीके से नहीं होगा.
3. दक्षिण के ज़ोन में ड्राइंग रूम बनाने से परहेज करें, क्योंकि यह आराम का ज़ोन है और यह आर्थिक घाटे का कारण बन सकता है.
4. कई बार आपने देखा होगा कि, आप किसी के घर जाते हैं और जाते ही वह व्यक्ति अपनी परेशानियां लेकर बैठ जाता है. वह व्यक्ति कुंठामोचन का इस क़दर शिकार होता है कि वह आपसे मिलते ही अपने मन के गुबार निकालने लगता है. चेक करिये, इसका ड्राइंग रूम WNW zone में होगा, क्योंकि यह डिप्रेशन का ज़ोन है.
Astro nirmal
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