राजसमंद. राजसमंद जिले के नाथद्वारा उपखण्ड के सायों का खेड़ा ग्राम पंचायत के चिकलवास में निजी मद से बने रहे सामुदायिक भवन की निर्माणाधीन छत गिरने के दौरान बड़ा हादसा हुआ है. जिसमें चार जनों की दबने से मौत हो गई है.
जानकारी के अनुसार चिकलवास में मेघवाल समाज के सामुदायिक भवन की 20 दिन पहले छत की आरसीसी का काम पूरा हुआ था. 3 दिन से आरसीसी के नीचे से सपोर्ट हटा जा रहे थे. सोमवार देर रात गांव के मेघवाल समाज के लोग रात्रि के समय भवन के नीचे सफाई का काम कर रहे थे की अचानक छत गिर गई. छत के नीचे गिरने से वहां मौजूद लोग नीचे दब गए.
जानकारी के अनुसार गांव के लोग यहां पर राम रसोड़े की तैयारी कर रहे थे, जिसके चलते भवन की फर्श से सफाई हो रही थी और हादसा हो गया. घटना के बाद मौके पर चीखे सुनाई दी, जिसके बाद गांव के और लोग भी यहा पहुंचे. छत के नीचे दबे घायलों को निकालने के लिए जेसीबी मशीन की मदद से सभी घायलों को बाहर निकाला गया. जहां दो जनों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो की इलाज के दौरान मौत हो गई. हादसे के बाद मौके पर कलेक्टर डा भंवर लाल सहित एसपी मनीष त्रिपाठी सहित आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और मौका मुआयना किया.
हर किसी की आंख नम थी
घटना में एक ही गांव के चार लोगों की मौत के बाद आस पास के गांवों से भी लोग चिलकवास गांव पहुंचे और मृतक के परिजनों को ढांढस बंधाया. इस घटना के बाद गांव में मेघवाल बस्ती निवासी भगवती लाल (35) पुत्र रोड़ी लाल, शांति लाल (40) पुत्र नारू लाल मेघवाल, कालू लाल (41) पुत्र वेणी राम, भवर लाल (52) पुत्र लच्छी राम मेघवाल की छत के नीचे दबने से मौत हो गई.
प्रशासन पहुंचा मौके पर
घटना के बाद सुबह एडीएम नरेश बुनकर, एसडीएम अजय अमरावत, खमनोर विकास अधिकारी हनुवीर सिंह विश्नोई नाथद्वारा सीआई लीलाधर मालवीय, खमनोर थानाधिकारी भगवान सिंह मौके पर पहुंचकर एलएनटी मशीन से घटना स्थल से करीब 2 घण्टे की मशक्कत के बाद मलबा हटाया गया.
समय रहते प्रशासन एक्शन लेता तो बड़ा हादसा टल सकता था
24 जून को चिकलवास के ग्रामीणों ने उपखण्ड अधिकारी को शिकायत थी, जिसमें बताया कि चिकलवास की चारनोट भूमि आराजी न. 504, 505 है. यह चारनोट भूमि गांव के मवेशियों में चरने के लिए है. गांव के वार्ड पंच हीरालाल सालवी, भोली राम सालवी व सायों खेड़ा सरपंच द्वारा अवैध अतिक्रमण कर मंदिर बना रहे है. शिकायत के बाद तहसीलदार को जांच रिपोर्ट के भेजा, जिसके बाद पटवारी ने मौके की जांच कर निर्माण रुकवाया था. जिसके बाद फिर वापस काम शुरू हो गया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-राजस्थान : जल जीवन मिशन घोटाले में ED की बड़ी कार्रवाई, पूर्व मंत्री का करीबी गिरफ्तार
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