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श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग-चौघड़िया 20 अगस्त 2024 इस प्रकार है....
* शक संवत 1946, विक्रम संवत 2081
* अमांत महीना श्रावण, पूर्णिमांत महीना भाद्रपद
* वार मंगलवार, पक्ष कृष्ण, तिथि प्रतिपदा - 20:32 तक, नक्षत्र शतभिषा - 03:09, (21 अगस्त 2024) तक, योग अतिगण्ड - 20:55 तक, करण बालव - 10:15 तक, द्वितीय करण कौलव - 20:32 तक
* सूर्य राशि सिंह, चन्द्र राशि कुम्भ
* राहुकाल 15:48 से 17:24
* अभिजीत मुहूर्त 12:10 से 13:01
मंगलवार चौघड़िया 20 अगस्त 2024
* दिन का चौघड़िया
रोग - 06:10 से 07:46
उद्वेग - 07:46 से 09:23
चर - 09:23 से 10:59
लाभ - 10:59 से 12:35
अमृत - 12:35 से 14:12
काल - 14:12 से 15:48
शुभ - 15:48 से 17:24
रोग - 17:24 से 19:01
* रात्रि का चौघड़िया
काल - 19:01 से 20:24
लाभ - 20:24 से 21:48
उद्वेग - 21:48 से 23:12
शुभ - 23:12 से 00:36
अमृत - 00:36 से 01:59
चर - 01:59 से 03:23
रोग - 03:23 से 04:47
काल - 04:47 से 06:10
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
आज का दिन....
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