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श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग-चौघड़िया 21 अगस्त 2024 इस प्रकार है....
* शक संवत 1946, विक्रम संवत 2081
* अमांत महीना श्रावण, पूर्णिमांत महीना भाद्रपद
* वार बुधवार, पक्ष कृष्ण, तिथि द्वितीया - 17:06 तक, नक्षत्र पूर्व भाद्रपद - 00:33, (22 अगस्त 2024) तक, योग सुकर्मा - 17:01 तक, करण तैतिल - 06:49 तक, द्वितीय करण गर - 17:06 तक, क्षय करण वणिज - 03:25, (22 अगस्त 2024) तक
* सूर्य राशि सिंह, चन्द्र राशि कुम्भ - 19:12 तक
* राहुकाल 12:35 से 14:11
* अभिजीत मुहूर्त - नहीं
बुधवार चौघड़िया 21 अगस्त 2024
* दिन का चौघड़िया
लाभ - 06:10 से 07:47
अमृत - 07:47 से 09:23
काल - 09:23 से 10:59
शुभ - 10:59 से 12:35
रोग - 12:35 से 14:11
उद्वेग - 14:11 से 15:47
चर - 15:47 से 17:24
लाभ - 17:24 से 19:00
* रात्रि का चौघड़िया
उद्वेग - 19:00 से 20:24
शुभ - 20:24 से 21:48
अमृत - 21:48 से 23:11
चर - 23:11 से 00:35
रोग - 00:35 से 01:59
काल - 01:59 से 03:23
लाभ - 03:23 से 04:47
उद्वेग - 04:47 से 06:11
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
आज का दिन....
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