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श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग-चौघड़िया 24 अगस्त 2024 इस प्रकार है....
* शक संवत 1946, विक्रम संवत 2081
* अमांत महीना श्रावण, पूर्णिमांत महीना भाद्रपद
* वार शनिवार, पक्ष कृष्ण, तिथि पंचमी - 07:51 तक, क्षय तिथि षष्ठी - 05:30, (25 अगस्त 2024) तक, नक्षत्र अश्विनी - 18:06 तक, योग वृद्धि - 03:07, (25 अगस्त 2024) तक, करण तैतिल - 07:51 तक, द्वितीय करण गर - 18:37 तक, क्षय करण वणिज - 05:30, (25 अगस्त 2024) तक
* सूर्य राशि सिंह, चन्द्र राशि मेष
* राहुकाल 09:23 से 10:59
* अभिजीत मुहूर्त 12:09 से 13:00
शनिवार चौघड़िया 24 अगस्त 2024
* दिन का चौघड़िया
काल - 06:11 से 07:47
शुभ - 07:47 से 09:23
रोग - 09:23 से 10:59
उद्वेग - 10:59 से 12:34
चर - 12:34 से 14:10
लाभ - 14:10 से 15:46
अमृत - 15:46 से 17:21
काल - 17:21 से 18:57
* रात्रि का चौघड़िया
लाभ - 18:57 से 20:22
उद्वेग - 20:22 से 21:46
शुभ - 21:46 से 23:10
अमृत - 23:10 से 00:34
चर - 00:34 से 01:59
रोग - 01:59 से 03:23
काल - 03:23 से 04:47
लाभ - 04:47 से 06:12
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
आज का दिन....
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