आज का दिनः शुक्रवार, 30 अगस्त 2024, एकादशी व्रत का पारण हरिवासर की अवधि में नहीं होता है!

आज का दिनः शुक्रवार,30 अगस्त 2024, एकादशी व्रत का पारण हरिवासर की अवधि

प्रेषित समय :21:45:30 PM / Thu, Aug 29th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी (व्हाट्सएप- 8875863494)
* अजा एकादशी - 29 अगस्त 2024
* पारण का समय - 30 अगस्त 2024 (07:49 से 08:45)
* पारण के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय - 07:49
* एकादशी तिथि प्रारम्भ - 29 अगस्त 2024 को 01:19 बजे
* एकादशी तिथि समाप्त - 30 अगस्त 2024 को 01:37 बजे

अच्युतम केशवम रामनारायणम, कृष्ण दामोदरम् वासुदेवम् हरे.
श्रीधरम् माधवम् गोपिकावल्लभम, जानकी नायकम श्रीरामचन्द्रम् भजे..

* पारण, व्रत को पूरा करने को कहा जाता है.
* एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण करते हैं.
* एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना जरूरी माना जाता है.
* एकादशी व्रत का पारण हरिवासर की अवधि में भी नहीं होता है.
* हरिवासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई समयावधि होती है.
* व्रत पूर्ण हो जाने के बाद पहले भोजन के लिए सबसे सही समय सवेरे होता है.
* मध्याह्नकाल में पारण से बचें लेकिन सवेरे किसी कारण से पारण नहीं हो पाए तो मध्याह्न के बाद पारण करना चाहिए.
* कभी-कभी एकादशी व्रत दो दिनों के लिए लगातार हो जाता है तब स्थानीय मान्यताओं के अनुसार पहली या दूजी एकादशी करनी चाहिए.
* श्रीविष्णुभक्त ऐसे अवसर पर दोनों एकादशी करते हैं.
* सन्यासी और मोक्ष प्राप्ति के इच्छुक श्रीनारायणभक्तों को दूजी एकादशी का व्रत करना चाहिए.
* यथासंभव व्रत नियमों का पालन करना चाहिए तथा किसी भी प्रकार की उलझन होने पर स्थानीय धर्मगुरु के निर्देशानुसार निर्णय करना चाहिए.
* जानबूझ कर नियमों के उल्लंघन से ही व्रतभंग होता है इसलिए अनजाने में हुई गलती के लिए मन में आशंकाएं नहीं पालें और व्रत के अंत में पारण के समय जाने-अनजाने हुई गलतियों के लिए अपनी भाषा और भाव में श्रीविष्णुदेव से क्षमा प्रार्थना कर भोजन ग्रहण करें.
श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग : 30 अगस्त 2024
* शक सम्वत 1946, विक्रम सम्वत 2081
* अमान्त महीना श्रावण, पूर्णिमान्त महीना भाद्रपद
* वार शुक्रवार, पक्ष कृष्ण, तिथि द्वादशी - 02:25, (31 अगस्त 2024) तक, नक्षत्र पुनर्वसु - 17:56 तक, योग व्यतीपात - 17:47 तक, करण कौलव - 13:57 तक, द्वितीय करण तैतिल - 02:25, (31 अगस्त 2024) तक
* सूर्य राशि सिंह, चन्द्र राशि मिथुन - 11:34 तक
* राहुकाल 10:58 से 12:33
* अभिजित मुहूर्त 12:07 से 12:58
शुक्रवार चौघड़िया 30 अगस्त 2024 
* दिन का चौघड़िया

चर - 06:13 से 07:48
लाभ - 07:48 से 09:23
अमृत - 09:23 से 10:58
काल - 10:58 से 12:33
शुभ - 12:33 से 14:07
रोग - 14:07 से 15:42
उद्वेग - 15:42 से 17:17
चर - 17:17 से 18:52
* रात्रि का चौघड़िया
रोग - 18:52 से 20:17
काल - 20:17 से 21:42
लाभ - 21:42 से 23:07
उद्वेग - 23:07 से 00:33
शुभ - 00:33 से 01:58
अमृत - 01:58 से 03:23
चर - 03:23 से 04:49
रोग - 04:49 से 06:14 
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
 आज का राशिफल -
मेष राशि:- चाहे घर-परिवार के रिश्तों की बात हो या किसी प्यार के रिश्ते की, किसी भी एक रिश्ते को बढ़ावा देने के लिए किसी दुसरे रिश्ते को नाराज़ न कर लें. ऐसा करके आप व्यर्थ में लोगों से फासले न बढाते चले जाएँ.

वृष राशि:- अपनों के करीब आने के जो भी अच्छे मौके मिल रहे हैं उन्हें अपने हाथ से जाने न दें. ऐसे में अपनी सीमाओं से बढ़कर भी कुछ किसी के लिए कुछ करना पड़े तो भी घबराएँ नहीं.

मिथुन राशि:- अपने दोस्तों से किसी बहस में बिलकुल न पड़ें और अगर कोई बहस छिड जाये तो उसमे सिर्फ अपने फायदे की बात न करते चले जाएँ, ऐसा करके आप कहीं अपनी छवि न बिगाड़ लें.

कर्क राशि:- अपने कामकाज में नियमित हो जाने के जो फायदे हैं उन्हें कम न समझें. अपने पैसे की स्तिथि को अगर बचाए रखना है तो बहुत ज्यादा उदारता भी न दिखाएँ. थोडा सा अपना हाथ खींच लें.

सिंह राशि:- अपनी अच्छाई को बनाये रखना है तो किसी भी तरह की गलतफ़हमी में न पड़ें. अपनी बात बहुत स्पष्टता से कहें ताकि कोई दिक्कत पैदा ही न हो.

कन्या राशि:- अपने काम या कारोबार को लेकर कोई ऐसा बड़ा कदम न उठायें जो आपको किसी खतरे में डाल दे. ऐसे समय में अपनी बचत को भी किसी खतरे में डालना ठीक नहीं होगा.

तुला राशि:- आसानी से लोगों की मदद मिलने की वजह से आप अपने लिए कोई खतरा न पैदा करते चले जाएँ. अपने खर्चों क व्यर्थ में बढ़ा लेना भी एक तरह की गलती है जिसे बेकाबू न होने दें.

वृश्चिक राशि:- कामकाज के क्षेत्र में आपके साथी सहयोगी हों या आपके बॉस, किसी से भी मतभेद में बिलकुल न पड़ें. ऐसा करके आप अपनी दिक्कतों को कहीं इतना न बढ़ा लें की उसका बुरा असर आपके काम की स्थिरता पर पड़े.

धनु राशि:- किसी प्यार के रिश्ते को समझने में या उसमे समय लगाने में कोई कमी न रखें. हालात मददगार हैं इसलिए भी अपनी स्तिथि का सही आंकलन करना होगा, ताकि घर-परिवार से जुडी चिन्ताओं को लेकर आप कहीं परेशान न हो जाएँ.

मकर राशि:- घर-परिवार में किसी छोटी बात को लेकर किसी बात को बिगाड़ें नहीं. ऐसे किसी अहम व्यक्ति को नाराज़ कर लेना ठीक नहीं है जो आपकी मदद करना चाह रहा है.

कुम्भ राशि:- अपनी मेहनत को और अपनी लगन को इस रूप से बनायें की वो आपको लोगों से जोड़ सके. रिश्तों की अच्छी बनती हुई संभावनाओं से कामकाज के क्षेत्र में भी बढ़ोतरी होगी. अपने साथी सह्योगिओं को किसी भी वजह से शक की नजर से बिलकुल न देखें.

मीन राशि:- किसी भी तरह की बहस में पैसे को मुद्दा न बनायें. ऐसा करने से पैसे के फंसने का अंदेशा हो जायेगा और यही इस समय ठीक नहीं है.
 * आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ)  वाट्सएप नम्बर 7879372913
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें./

आज का दिन....
https://palpalindia.com/aajkadin.php

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

भगवान श्रीकृष्ण की कुंडली का विश्लेषण जितना सरल दिखता हैं, उतना ही कठिन भी हैं!

कुंडली के ये योग व्यक्ति को बनाते हैं पागल या मानसिक कमजोर

ज्योतिष शास्त्र में वक्री ग्रह क्या है? इनको जन्मकुंडली में कैसे देखा जाना चाहिए?

जन्म कुंडली में इंदु लग्न से वित्तीय स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता

जानिए कहीं आपके जन्मकुंडली में कैंसर योग तो नहीं ?