चंडीगढ़. उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के साथ ही भाजपा में बगावत तेज हो गई है. करीब 22 विधानसभा सीटों पर भाजपा समर्थकों व पदाधिकारियों ने विरोध जताया है. टिकट नहीं मिलने से नाराज मंत्री, विधायक, पूर्व मंत्री समेत 14 नेताओं ने इस्तीफे दे दिए हैं.
राज्य के ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह चौटाला, विधायक लक्ष्मण दास, किसान मोर्चा के अध्यक्ष सुखविंदर श्योराण, प्रदेश उपाध्यक्ष जीएल शर्मा व पीपीपी के स्टेट कोऑर्डिनेटर सतीश खोला ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उधर, मंत्री विशंभर वाल्मीकि, पूर्व मंत्री कविता जैन, सावित्री जिंदल, लतिका शर्मा के समर्थकों ने भी नाराजगी जताई है.
इन सभी ने समर्थकों के साथ बैठक की और अगला कदम उठाने के लिए विचार-विमर्श किया. दूसरी भाजपा नेतृत्व ने भी डैमेज कंट्रोल के प्रयास शुरू कर दिए हैं. हरियाणा विधानसभा चुनाव सह प्रभारी बिप्लब कुमार देब ने रोहतक स्थित पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में बैठक और तीन महासचिवों को नाराज नेताओं को मनाकर बगावत थामने की जिम्मेदारी सौंपी है.
सैनी सरकार में बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने वीरवार सुबह रानियां में समर्थकों की बैठक बुलाई. उन्होंने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा ने डबवाली से टिकट की पेशकश की थी, मगर उन्होंने प्रस्ताव ठुकरा दिया. वह कैबिनेट और भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं और किसी भी कीमत पर रानियां से चुनाव लड़ेंगे.
कविता जैन फूट-फूट कर रोई
सोनीपत से टिकट नहीं मिलने पर पूर्व मंत्री कविता जैन बृहस्पतिवार को समर्थकों के सामने फूट-फूटकर रोने लगीं. उन्होंने पार्टी आलाकमान को आठ सितंबर तक का समय देते हुए तीन दिन में सोनीपत सीट से पार्टी प्रत्याशी निखिल मदान को बदलने का अल्टीमेटम दिया है. सोनीपत के मेयर निखिल कुछ महीने पहले ही कांग्रेस से भाजपा में आए हैं. कविता जैन के पति व भाजपा नेता राजीव जैन ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है.
हिसार से टिकट की उम्मीद में थीं सावित्री जिंदल
कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल को हिसार से टिकट नहीं मिलने पर उनके समर्थक उनके पास पहुंचे और नाराजगी जताई. देश की चौथी सबसे धनी महिला और दो बार मंत्री रह चुकीं सावित्री जिंदल ने कहा कि हिसार विधानसभा सीट से चुनाव लडूंगी, लेकिन किसी पार्टी से या निर्दलीय यह फैसला अभी तक नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि वह कभी भाजपा की सदस्य नहीं थीं. मैंने बेटे नवीन जिंदल के लिए कुरुक्षेत्र में प्रचार किया, हिसार में भी प्रचार किया था. उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस कभी नहीं छोड़ी. अगर बिना कोई कागज भेजे इस्तीफा स्वीकार हो गया हो तो मुझे मालूम नहीं.
वहीं, टिकट न मिलने से नाराज फतेहाबाद के रतिया से विधायक लक्ष्मण नापा ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. वह दिल्ली में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी मिलने पहुंचे. वहीं, राज्यमंत्री बिशंबर वाल्मीकि का बवानीखेड़ा से भाजपा से टिकट कटने से उनके आंसू टपक पड़े तो तोशाम से टिकट नहीं मिलने पर पूर्व विधायक शशिरंजन परमार भी रो पड़े. भाजपा ने तोशाम से पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पौत्री श्रुति चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है. बवानीखेड़ा से नया चेहरा कपूर सिंह वाल्मीकि को का टिकट दिया है.
हिसार में भी हलचल
भाजपा ने हिसार से कैबिनेट मंत्री कमल गुप्ता पर फिर से विश्वास जताया है. इस सीट से सावित्री जिंदल भी टिकट मांग रही थी. उनमें समर्थकों ने जिंदल हाउस में मीटिंग की और सावित्री से कहा कि वह निर्दलीय चुनाव लड़े. दो बार मंत्री रह चुकीं सावित्री जिंदल ने कहा कि हिसार विधानसभा सीट से किसी पार्टी से चुनाव लडूंगी या निर्दलीय यह फैसला अभी तक नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि मैं कभी भाजपा की सदस्य नहीं थी. वहीं, हिसार के भाजपा नेता तरुण जैन ने भी बगावत की है. उन्होंने भी चुनाव लडऩे का एलान किया है.
वहीं ऊर्जा मंत्री रणजीत चौटाला ने कहा कि वह रानिया से ही चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कैबिनेट व पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की. उन्होंने कहा-पार्टी ने उन्हें डबवाली से लडऩे का प्रस्ताव दिया था, मगर उन्होंने मना कर दिया, जबकि भाजपा से टिकट नहीं मिलने से नाराज विधायक लक्ष्मण नापा से पार्टी को अलविदा कह दिया है. वह कांग्रेस में जा सकते हैं. पार्टी ने इस सीट से पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को मैदान में उतारा है. किसान मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी सतपाल बाजीगर और चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष गुरमीत बाजीगर ने भी अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है.
बरवाला में भाजपा प्रत्याशी रणबीर गंगवा के खिलाफ भाजपा के जिला सचिव एवं पार्षद महंत दर्शन गिरि महाराज ने चुनाव लडऩे का फैसला किया है. भाजपा ने रणबीर गंगवार को नलवा से बदलकर बरवाला से टिकट दिया है. इसी तरह उकलाना में भाजपा प्रत्याशी अनूप धानक के खिलाफ विरोध जताते हुए सीमा गैबीपुर ने पार्टी छोड़ दी है. वह प्रदेश कार्यकारिणी की सदस्य हैं. धानक जजपा के विधायक थे. भाजपा ने इस बार उन्हें उम्मीदवार बनाया है. बाढड़ा में भाजपा ने बाढड़़ा से उमेद पातुवास को टिकट दिया है. इससे नाराज होकर पूर्व विधायक व किसान मोर्चा के अध्यक्ष सुखविंद्र मांढ़ी, भाजपा किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष विकास उर्फ भल्लेराम ने पद व पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.
कई मोर्चों के अध्यक्ष और पदाधिकारियों ने भी छोड़ी पार्टी
टिकट न मिलने से नाराज फतेहाबाद के रतिया से विधायक लक्ष्मण नापा ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. वह दिल्ली में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी मिलने पहुंचे. ओबीसी मोर्चा के प्रमुख व पूर्व मंत्री कर्णदेव कांबोज ने अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. सीएम नायब सैनी मनाने के लिए उनके घर भी पहुंचे. कांबोज यमुनानगर के रादौर से भाजपा का टिकट मांग रहे थे. 2019 में महम से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लडऩे वाले शमशेर सिंह खरखड़ा ने भी इस्तीफा दे दिया है. वह महम से टिकट मांग रहे थे.
गुरुग्राम से टिकट मांग रहे भाजपा उपाध्यक्ष जीएल शर्मा, पीपीपी स्टेट कोआर्डिनेटर सतीश खोला, किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर श्योराण, पूर्व विधायक बच्चन सिंह आर्य, उकलाना में सीमा गैबीपुर, हिसार के भाजपा जिला उपाध्यक्ष तरुण जैन, किसान मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी सतपाल बाजीगर, चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष गुरमीत बाजीगर, किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष विकास उर्फ भल्लेराम ने भी पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.
गुडग़ांव विधानसभा सीट से नवीन गोयल को टिकट न मिलने से नाराज भारतीय जनता पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी गजेंद्र गुप्ता ने इस्तीफा दिया है. बरवाला में भाजपा प्रत्याशी रणबीर गंगवा के खिलाफ भाजपा के जिला सचिव एवं पार्षद महंत दर्शन गिरि महाराज ने चुनाव लडऩे का फैसला किया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-