नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने आज पंजाब-हरियाणा दोनों राज्य सरकारों से शंभू सीमा पर राजमार्ग खाली करने के लिए आंदोलनकारी किसानों को मनाने के लिए कहा है. क्योंकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व अन्य मुद्दों पर किसानों की चिंताओं को हल करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन पर फैसला 2 सितंबर तक के लिए टाल दिया गया.
न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने दोनों राज्यों को कृषि से संबंधित स्वतंत्र व्यक्तियों को शामिल करने वाली विशेषज्ञ समिति के लिए प्रस्तावित संदर्भ शर्तों का सुझाव देने की भी अनुमति दी. न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता व उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि समिति की संरचना व उनके द्वारा हल किए जाने वाले मुद्दों पर हमने अपना होमवर्क कर लिया है. हम ऐसा करेंगे लेकिन हम दोनों राज्यों से अनुरोध करते हैं कि वे किसानों को आश्वस्त करें कि चूंकि अब अदालत उनकी शिकायतों तक पहुंचने के लिए एक मंच बनाने पर विचार कर रही है. इसलिए इस मुद्दे को केवल कानून के अनुसार ही हल किया जा सकता है. पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने अदालत को सूचित किया कि राज्य के अधिकारियों ने इस सप्ताह की शुरुआत में किसान यूनियनों के साथ एक बैठक की व यातायात की आंशिक आवाजाही के लिए अंबाला-नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग को साफ करने की संभावना का पता लगाया. जैसा कि शीर्ष अदालत ने 12 अगस्त को सुझाव दिया था. सिंह ने आगे कहा कि राज्य उन्हें उन वाहनों पर आगे बढऩे की अनुमति देने के लिए भी तैयार है जो मोटर वाहन अधिनियम (एमवी अधिनियम) के अनुसार अनुमत हैं. पीठ ने पंजाब एजी से कहा कि आपको उन्हें राजमार्ग खाली करने व अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियां हटाने के लिए मनाना चाहिए. सिंह ने कहा कि विचार-विमर्श अभी भी चल रहा है. और किसान यूनियनों ने राज्य के सुझाव पर वापस आने के लिए समय मांगा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-आईएमडी का रेड एलर्ट: मध्य प्रदेश, दिल्ली और केरल सहित 5 राज्यों में बारिश की चेतावनी
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