नई दिल्ली. कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर फिल्म पर सेंसर बोर्ड की कैंची चल गई है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने 3 कट और कुल 10 बदलाव के साथ फिल्म को ‘UA’ सर्टिफिकेट देने का निर्णय लिया. सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने फिल्म ‘इमरजेंसी’ के मेकर्स से विवादित ऐतिहासिक बयानों के सोर्स की मांग की है. इसमें पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन द्वारा भारतीय महिलाओं के प्रति की गई अपमानजनक टिप्पणी और विंस्टन चर्चिल की भारतीयों को ‘खरगोशों की तरह प्रजनन करने वाले’ बताने वाली टिप्पणी शामिल है. मेकर्स को इन दोनों ही विवादित बयानों का सोर्स प्रदान करना होगा.
8 जुलाई को मेकर्स ने फिल्म को बोर्ड से पारित कराने के लिए जमा किया था और 8 अगस्त को फिल्म में 3 कट सहित 10 बदलाव करने के सुझाव भेजे गए थे. सीबीएफसी ने मणिकर्णिका फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड को पत्र लिखकर ‘यूए’ सर्टिफिकेट के लिए आवश्यक 10 ‘कट/सम्मिलन/संशोधनों’ की लिस्ट भेजी थी.
बोर्ड ने सुझाव दिया कि मेकर्स फिल्म में उस सीन को डिलीट या रिप्लेस करें जिसमें पाकिस्तानी सैनिक बांग्लादेशी रिफ्यूजी पर हमला करते हैं, खासकर वो सीन जहां एक सैनिक एक नवजात बच्चे और तीन महिलाओं के सिर को धड़ से अलग कर देता है. सूत्रों के मुताबिक फिल्ममेकर्स एक को छोड़कर बाकी सभी कट और बदलावों के लिए मान गए थे.
29 अगस्त को, फिल्म निर्माताओं को एक ईमेल प्राप्त हुआ जिसमें कहा गया था कि फिल्म को ‘UA’ सर्टिफिकेट मिल गया है; हालांकि, कोई सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया. सर्टिफिकेट न मिलने के बाद ‘इमरजेंसी’ के मेकर्स ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अदालत में, सीबीएफसी के वकील ने कहा कि जांच समिति, जिसे फिल्म निर्माताओं की 14 अगस्त की प्रतिक्रिया की समीक्षा के लिए एक और बैठक आयोजित करनी थी, अभी तक नहीं बुलाई गई है. इस वजह से फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-