Astrologer बता रहे विपरीत राजयोग क्या-क्या दे सकता है?

Astrologer बता रहे विपरीत राजयोग क्या-क्या दे सकता है?

प्रेषित समय :20:35:23 PM / Sun, Sep 8th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

विपरीत राजयोग आपको कुछ दे इसके लिए कुंडली मे विपरीत राजयोग बनना चाहिए अब अगर आपकी कुंडली मे विपरीत राजयोग बन रहा हैं तो वह आपको क्या क्या दे सकता है और कब अब समझते है.6, 8, 12 भाव मतलब विपरीत परिस्थितियों में भी राजा समान जीवन रहना आदि.विपरीत राजयोग होने पर विपरीत राजयोग की दशाएँ आपको वह सब कुछ दे देंगी जो आपकी कुंडली मे होगा यदि मकान योग है तब मकान भी, जॉब या व्यापार होगा तब उसमें अच्छी सफलताएं, विवाह योग होने पर विवाह भी हो जाएगा, धन योग या आर्थिक स्थिति अच्छी होने पर कुंडली मे आर्थिक लाभ काफी होने लगेगा.मतलब जो जो सुख आपकी कुंडली मे लिखे है वह विपरीत राजयोग के प्रभाव से कई गुना आपको मिलेंगे, जैसे सुख है एक मकान का तब विपरीत राजयोग कुंडली मे होने पर सुख एक से ज्यादा मकान का मिल जाता है, आगे जैसे व्यापार में लगाया है कम पैसा तो फायदा कई गुना होकर मिलेगा, मिलेगा तब ही जब विपरीत राजयोग कुंडली मे होगा और मुख्य रूप से जब विपरीत राजयोग की दशाएँ आएगी.अब पहले यह समझते है विपरीत राजयोग बनता कैसे है?

6, 8,12 भाव के स्वामी विपरीत राजयोग बनाते है, जब इन्ही 6 8, 12 भाव के स्वामी इन्ही 6, 8,12 भाव मे बैठे होंगे तब ही विपरीत राजयोग बनेगा, जैसे मेष लग्न में बुध छठे घर का स्वामी बनता है अब बुध आठवे घर मे बैठ जाये तब विपरीत राजयोग बन जायेगा.इसी तरह जब भी 6 भाव का स्वामी 8वे या 12वे में होगा या 8वे भाव का स्वामी 6 या 12वे भाव मे होगा, या 12वे भाव का स्वामी छठे या 8वे भाव मे बैठेगा तब विपरीत राजयोग बनेगा, जो बहुत लाभकारी देगा और विपरीत जब बहुत शक्तिशाली हो जाता है जब 6, 8,12 भाव के स्वामी एक साथ सबंध इन्ही 6, 8, 12 भाव मे बैठते है और विपरीत राजयोग आपकी कुंडली मे जिस भी शुभ फल प्राप्ति के योग शुभ स्थिति में  होंगे उन फलो को बहुत ज्यादा मात्रा में देगा जबकि विपरीत राजयोग न होने पर योग होने पर भी जितना मिलना चाहिए शुभ गल उतना ही मिलता है विपरीत राजयोग कुंडली मे होगा तब सामान्य से फल भी कई गुना होकर विपरीत राजयोग के प्रभाव से मिलेगा, कैसे?

अब कुछ उदाहरणो से समझते है:-

#उदाहरण_अनुसार_वृष_लग्न1:- वृष लग्न की कुंडली मे बृहस्पति जैसे आठवे भाव का स्वामी बनता है अब बृहस्पति यहाँ छठे या बारहवे भाव मे जाकर बैठ जाएगा तब विपरीत राजयोग बन जायेगा.अब विपरीत राजयोग तो यहाँ बन गया लेकिन फल क्या क्या मिलेगा कई गुना मात्रा में वह कुंडली के योग बताएंगे, जैसे यहां गुरु से विपरीत राजयोग बना साथ ही  कुंडली मे धन योग हो तब यहाँ गुरु से बनने वाला विपरीत राजयोग कई गुना धन देगा अपनी महादशा-अन्तरदशा और बहुत कम समय में..

#उदाहरण_अनुसार_सिंह_लग्न2:- सिंह लग्न की कुंडली मे चन्द्रमा 12वे घर का स्वामी बनता है अब चन्द्रमा यहाँ छठे या आठवें घर मे बैठे तब विपरीत राजयोग बन जायेगा, अब यहाँ जो भी फल शुभ फल मिलेगा वह कई ज्यादा गुना मात्राय में मिलेगा जैसे, सिंह लग्न में यही मकान बनाने के सामान्य योग हो तब ऐसी स्थिति में विपरीत योग होने के कारण सामान्य मकान योग होने पर भी बहुत बढ़िया स्तर का मकान बनेगा , एक से अधिक मकान भी विपरीत राजयोग के प्रभाव से जातक बना लेता है क्योंकि जातक की कुंडली मे विपरीत राजयोग है जो कई गुना फायदा दे रहा है सामान्य योगों के फलों को भी बहुत ज्यादा बड़ा चढ़ाकर देगा.जैसे इसी उदाहरण में एक या साधारण मकान योग होने पर भी असाधारण और बड़े आलीशान मकान का सुख मिलेगा.

#उदाहरण_अनुसार_कुंभ_लग्न3:-कुम्भ लग्न में बुध जैसे 8वे घर का स्वामी बनता है अब बुध यहाँ छठे या बारहवें भाव मे जाकर बैठे तब विपरीत राजयोग बुध से बन जायेगा, अब ऐसी स्थिति में जातक को विपरीत राजयोग से बहुत ज्यादा शुभ परिणाम प्राप्त होंगे, जैसे छोटा सा व्यवसाय शुरू करने पर भी विपरीत राजयोग के प्रभाव से छोटा सा व्यवसाय भी बड़ा रूप ले लेगा विपरीत राजयोग के प्रभाव से, यही विपरीत राजयोग का फर्क और कमाल होता है.

#नोट:- एक साथ एक कुंडली मे 2 से 3 विपरीत राजयोग एक साथ बन सकते है जैसे छठे भाव का स्वामी आठवे भाव मे और आठवे भाव का स्वामी बारहवे भाव

मे होगा तब यह दो ग्रहों से विपरीत राजयोग बन जायेंगे जो ज्यादा से ज्यादा शुभ शक्तिशाली फल जातक को देंगे..

#नोट:-विपरीत राजयोग वाले ग्रह बलवान होने पर ज्यादा से ज्यादा लाभ देगे, विपरीत राजयोग वाले ग्रह अस्त नीच के होने पर विपरीत राजयोग के फल नही दे पाएंगे , फल तब ही दे पायेंगे ऐसी स्थिति में जब उपाय से ग्रह को ठीक किया जाए, इसके साथ ही विपरीत राजयोग वाले ग्रह के साथ किसी भी केंद्र 1,4,7,10 या त्रिकोण 1,5,9 भाव के स्वामी का  सबंध होना विपरीत राजयोग के फल में दिक्कत करेगा लेकिन केंद्र या त्रिकोण का स्वामी 6, 8,12 भाव का भी स्वामी होगा तब कोई दिक्कत नही करता है..

इस तरह विपरीत राजयोग जिस जातक या जातिका की कुंडली मे है तब उसका कई ज्यादा गुना मात्रा में लाभ मिलेगा कुंडली के शुभ योगों के फलों का, क्या क्या लाभ मिलेगा और किस फल में यह कुंडली मे जो योग होंगे जैसे संपत्ति ,मकान, रोजगार, वाहन आदि उन फलो पर निर्भर करेगा..
Astrologer Rohit Gupta

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-