पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के स्टेट व नेशनल हाइवे पर जगह-जगह गौवंश के बैठने से राहगीरों का चलना मुश्किल होता है. यहां तक कि कई बार बड़ी बड़ी दुर्घटनाएं भी हुई है. इस मामले को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपना हुए नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव व टोल संचालकों सहित राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने पूछा है कि आखिर नेशनल हाइवे पर गौवंश का जमावड़ा क्यों लग रहा है.
एमपी हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगल पीठ ने चार सप्ताह में जवाब मांगा है. जबलपुर निवासी प्रांजल तिवारी की जनहित याचिका पर यह सुनवाई है. याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को यह भी बताया कि हाईवे पर जगह-जगह टोल नाके बनाए गए है. इसके बाद भी रखरखाव नहीं, जिसके चलते लोग सड़क दुर्घटना का शिकार हो रहे है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रमोद तोमर ने कोर्ट को बताया कि एनएच-43 व एनएच-45 रोड जो कि जबलपुर से दमोह होते हुए ग्वालियर तक जाती है. दूसरी रोड जबलपुर से राजमार्ग होते हुए भोपाल जाती है. इन मार्गो पर कुछ ही दूर चलने पर ना सिर्फ गहरे-गहरे गड्ढे मिलेंगे इसके साथ ही बीच सड़क पर गोवंश बैठे रहते है. जिसके चलते वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इससे दुर्घटनाए तो हो रही है इसके साथ ही गौवंश की भी मौत हो जाती है. अधिवक्ता प्रमोद तोमर ने बताया कि इन सड़को पर टोलप्लाजा लगता है लेकिन जो सुविधा जनता को दी जानी चाहिए वह नहीं मिल रही है. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने यह भी पूछा है कि व्यवस्था को सुचारू बनाने में कितना समय लगेगा.
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा की डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि जबलपुर से ग्वालियर वाया दमोह-सागर व जबलपुर से भोपाल वाया राजमार्ग के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 43 व 45 के हिस्से को बनाए रखने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है. यह दोनों एनएच टोल रोड है इसलिए प्रतिवादियों को रखरखाव, मरम्मत निर्माण व उन्नयन के लिए तुरंत कदम उठाने के निर्देश दिए जाएं.