चंडीगढ़. हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज प्रदेश विधानसभा भंग कर दी है. राज्य की भाजपा सरकार की सिफारिश पर गवर्नर ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया. विधानसभा भंग करने के नोटिफिकेशन में गवर्नर ने लिखा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 174 के खंड (2) के उपखंड (बी) द्वारा मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए मैं बंडारू दत्तात्रेयए राज्यपालए हरियाणा तत्काल प्रभाव से हरियाणा विधानसभा भंग करता हूं.
सीएम नायब सिंह सैनी की अगुआई वाली कैबिनेट ने एक दिन पहले ही विधानसभा भंग करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. गवर्नर के अनुसार अगली सरकार का गठन होने तक नायब सैनी कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे. ऐसा माना जा रहा है कि 6 महीने की अवधि में विधानसभा सेशन न बुला पाने के संवैधानिक संकट से बचने के लिए सैनी सरकार ने यह कदम उठाया. हरियाणा की 14 वीं विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर तक है मतलब अभी कार्यकाल पूरा होने में 52 दिन बचे है. संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार विधानसभा के 2 सेशन में 6 महीने से ज्यादा का गैप नहीं हो सकता. प्रदेश विधानसभा के पिछले सेशन को 12 सितंबर को 6 महीने पूरे हो गए. चूंकि राज्य में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं इसलिए सेशन बुलाना संभव नहीं था. देश में इस तरह के संवैधानिक संकट के बाद विधानसभा भंग करने का यह पहला मामला है. 1947 में देश आजाद होने के बाद कभी किसी राज्य में ऐसी स्थिति नहीं आई. यहां तक कि कोरोनाकाल में भी हरियाणा में ऐसे ही संकट को टालने के लिए एक दिन का सेशन बुलाया गया था. इससे पहले भी हरियाणा विधानसभा 3 बार समय से पहले भंग की गई लेकिन उन तीनों ही मामलों में समय से पहले चुनाव करवाने के लिए ऐसा किया गया था.
यहां पर 5 अक्टूबर को मतदान, 8 अक्टूबर को आएगे परिणाम-
राज्य में 15वीं विधानसभा के गठन के लिए चुनाव की घोषणा हो चुकी है. 5 अक्टूबर को मतदान व 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे. उसके बाद प्रदेश में नई सरकार का गठन होगा. तब तक नायब सिंह सैनी कार्यवाहक सीएम के तौर पर काम करते रहेंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-