बड़ी कामयाबी , बड़ी सफलता और छोटे से बड़ा आदमी कैसे दसवे भाव मे बैठे शनि या राहु बनायेगे और किन व्यक्तियों को बनाते है और किन व्यक्तियों को अच्छी सफलता किस क्षेत्र में देंगे या देते है अब आज इसी विषय पर बात करते है दसवा भाव मतलब जातक का रोजगार, कैरियर की दिशा और कैरियर से सम्बंधित है।शनि राहु कलयुग के सबसे शक्तिशाली ग्रह है।दसवे भाव में बैठा शुभ शनि या शुभ राहु राजनीती सफलता देने के रास्ते बना देता है जबकि किसी कारण वश राजनीती में जाने की स्थिति पूरी न हो रही हो तब यह दसवे भाव में शुभ और बलवान होकर बैठने पर बड़े व्यापार में सफलता देंगे जबकि अशुभ स्थिति में बैठेंगे तब संघर्ष कराएंगे।शनि या राहु दसवे भाव में बलवान या शुभ होकर बैठा है और बुध अत्यधिक बलवान है तब व्यापार में बड़ी सफलता दिलाएंगे, सूर्य गुरु अधिक बलवान है और शनि या राहु दसवे भाव में बैठे है तब यह राजनीती में चार चांद लगाकर सफलता देंगे, जबकि शनि राहु दसवे भाव में अशुभ होकर बैठेंगे तब संघर्ष और कार्यक्षेत्र ,रोजगार कैरियर में परेशानी/संघर्ष के साथ साथ निम्न संघर्ष वाले काम तक करा देंगे शर्त इतनी है दसवे भाव का स्वामी अशुभ/कमजोर न हो बलवान और शुभ स्थिति में बैठे, ऐसी स्थिति में जिस क्षेत्र में सफलता की स्थिति राहु या शनि दसवे भाव में बैठकर बना रहे हो उन्ही क्षेत्रों में बड़ी सफलता मिलेगी।अब यदि दसवे भाव में राहु या शनि बैठा है तब कहाँ कैसी स्थिति कैरियर, रोजगार आदि में देगा? इस बात को उदाहरणों से समझते है:- #उदाहरण_अनुसार_वृष_लग्न1:- वृष लग्न में शनि स्वयम दसवे भाव का स्वामी होता है अब शनि दसवे भाव में अपने ही घर में बैठा हो या राहु बैठा हो दसवे भाव में और दसवे भाव स्वामी शनि शुभ स्थिति रहे साथ ही व्यापार कारक बुध बलवान है तब अपने से सम्बन्धी वस्तुओं के व्यापार में अच्छी सफलता शनि राहु दिलाएंगे, जबकि गुरु सूर्य राहु अधिक कुंडली में बलवान है तब राजनीती में दसवे भाव में बैठा शनि या राहु राजनीती सफलता देगा।जबकि शनि या रह अशुभ होकर बैठेंगे तब जीवन में रोजगार कार्यक्षेत्र को लेकर संघर्ष कराएंगे।। #उदाहरण_अनुसार_कुम्भ_लग्न2:- कुम्भ लग्न में दसवे भाव में शनि या राहु वृश्चिक राशि में बैठेंगे तो सबसे पहले यहाँ वृश्चिक राशि स्वामी मंगल बलवान/शुभ होना अनिवार्य है तब शनि या राहु अब शुभ होकर दसवे भाव में बैठा है और बुध अधिक बलवान है तब व्यापार में कैरियर में सफलता यह ग्रह देगे जबकि बुध से ज्यादा गुरु सूर्य बलवान है तब राजनीती में उच्च अधिकार, उच्च सफलता दसवे भाव में बैठा शुभ शनि या राहु दिलाएगा,,जबकि राहु या शनि यहाँ बैठकर अशुभ है किसी तरह से या दसवे भाव स्वामी अशुभ है तब संघर्ष होगा।। #उदाहरण_अनुसार_मकर_लग्न3:- मकर लग्न में स्वयम शनि लग्नेश होता है अब यहाँ दसवे भाव में तुला राशि में शनि दसवे भाव में बैठेगा जो की उच्च होगा या राहु शुभ होकर दसवे भाव में यहाँ बैठे है और व्यापार कारक बुध् बलवान है तब बड़े उद्योग, व्यवसाय में में जैसे लोहा, स्टिल, तेल ,सीमेंट, दलाली के काम आदि अपने से संबंधि काम के क्षेत्रों में व्यवसायिक उन्नति देकर अच्छी सफलता देगे, जबकि बुध सामान्य बलवान है और राजनीती कारक गुरु सूर्य और राहु अधिक बलवान और शुभ स्थिति में है तब दसवे भाव में बैठा यहाँ शनि या बैठा राहु राजनीती में बड़ी सफलता दिला देगा और बुध भी अधिक बलवान है सूर्य और गुरु के साथ तब व्यवसाय+राजनीती दोनों में सफलता दिलवा देगे।लेकिन दसवे भाव में राहु या शनि अशुभ , अस्त आदि हो गए है तब दिक्कत करके संघर्ष करा देंगे ऐसी स्थिति में उपाय ही सफलता दे देंगे।। #शनि और राहु कलयुगी ग्रह है और कलयुग के सबसे शक्तिशाली ग्रह है इस कारण राजनीती, अधिक से अधिक व्यापार और रोजगार इन्ही ग्रहो के अधिकार में आज के समय का आता है तो दसवे भाव में बैठे शनि या राहु जातक/जातिका को किस क्षेत्र में ,क्षेत्रो में सफलता देंगे और कितनी यह सब निर्भर करेगा जातक/जातिका के दसवे भाव में बैठे शनि या राहु की स्थिति पर।।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-