अभिमनोज
सुप्रीम कोर्ट मे उत्तर प्रदेश सहित अनेक राज्यों में बुलडोजर एक्शन के खिलाफ दाखिल जमीयत उलेमा-ए-हिंद और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस के. वी. विश्वनाथन की बेंच ने सरकार की ओर से बुलडोजर एक्शन पर सख्त रुख दिखाते हुए कहा कि- बुलडोजर जस्टिस का महिमामंडन नहीं होना चाहिए, यदि अवैध ध्वस्तीकरण का एक भी मामला है तो यह संविधान के खिलाफ है, इसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि- अगली सुनवाई की तारीख- 1 अक्टूबर 2024 तक अदालत की इजाजत के बिना कोई भी तोड़फोड़ नहीं की जाएगी.
खबरों की मानें तो.... पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि- यह आदेश सड़कों, फुटपाथों पर बने अवैध निर्माणों पर लागू नहीं होगा, इस मामले में सभी पक्षों को सुनने का बाद जल्दी ही गाइडलाइन जारी की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि.... अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर एक्शन पर 1 अक्टूबर 2024 तक रोक लगानेवाली अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि- हम अनधिकृत निर्माण के बीच में नहीं आएंगे, हालांकि.... अदालत ने इसे लेकर सख्त टिप्पणी भी की कि- कार्यपालिका, न्यायाधीश नहीं हो सकती. अदालत का सवाल था कि- किसी का घर केवल इसलिए कैसे गिराया जा सकता है कि वह एक आरोपित है? भले ही वह दोषी हो, फिर भी कानून का पालन किए बिना ऐसा नहीं किया जा सकता है.
हालांकि.... सिर्फ अदालत का यह कहना है कि- उसका यह आदेश सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों, रेलवे लाइनों, जलाशयों पर अतिक्रमण के खिलाफ लिए जा रहे एक्शन पर लागू नहीं होगा!
बुलडोजर एक्शन: सुप्रीम कोर्ट की तोड़-फोड़ पर रोक भी, छूट भी!
प्रेषित समय :21:50:47 PM / Wed, Sep 18th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर