CM चंद्रबाबू नायडू का बड़ा आरोप, पिछली जगन मोहन सरकार में तिरुपति लड्डू में मिलाई जाती थी पशु चर्बी, अब शुद्ध घी इस्तेमाल हो रहा

चंद्रबाबू नायडू का आरोप, तिरुपति लड्डू में मिलाई जाती थी पशु चर्बी

प्रेषित समय :20:39:45 PM / Thu, Sep 19th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अमरावती. आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने पिछली जगन मोहन सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होने कहा कि पिछले 5 साल में वायएसआर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने तिरुमाला की पवित्रता को धूमिल किया. उन्होंने अन्नदानम (मुफ्त भोजन) की गुणवत्ता से समझौता किया. यहां तक कि तिरुमाला के पवित्र लड्डू में घी की जगह जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया. अब हम प्रसादम में शुद्ध घी का इस्तेमाल कर रहे हैं. हम तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम की पवित्रता की रक्षा के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.

इस मामले को लेकर वाएसआर, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद वायवी सुब्बा रेड्डी ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू ने तिरुमाला के पवित्र मंदिर व करोड़ों हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाकर बड़ा पाप किया है. तिरुमाला प्रसादम पर चंद्रबाबू की टिप्पणियां बेहद निंदनीय हैं. कोई इंसान ऐसे आरोप नहीं लगा सकता. उन्होंने आगे कहा कि यह एक बार फिर साबित हो गया है कि चंद्रबाबू राजनीतिक फायदे के लिए कुछ भी बुरा करने से नहीं हिचकिचाते. भक्तों की आस्था को मजबूत करने के लिए मैं और मेरा परिवार तिरुमाला प्रसाद के मामले में भगवान को साक्षी मानकर शपथ लेने के लिए तैयार हैं. क्या चंद्रबाबू भी अपने परिवार के साथ शपथ लेने के लिए तैयार हैं.

श्री वेंकटेश्वर मंदिर आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले में तिरुमाला पहाड़ी पर बना है. यह तिरुपति बालाजी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है. इन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है.मान्यता है कि भगवान वेंकटेश्वर ने लोगों को कलियुग के कष्टों और परेशानियों से बचाने के लिए अवतार लिया था. यहां बालों का दान किया जाता है, मान्यता है कि जो व्यक्ति अपने मन से सभी पाप और बुराइयों को यहां छोड़ जाता है, उसके सभी दु:ख देवी लक्ष्मी खत्म कर देती हैं. इसलिए यहां अपनी सभी बुराइयों और पापों के रूप में लोग अपने बाल छोड़ जाते हैं.

भगवान विष्णु को कहते हैं वेंकटेश्वर:

इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह मेरू पर्वत के सप्त शिखरों पर बना हुआ है. इसकी 7 चोटियां शेषनाग के सात फनों का प्रतीक कही जाती हैं. इन चोटियों को शेषाद्रि, नीलाद्रि, गरुड़ाद्रि, अंजनाद्रि, वृषटाद्रि, नारायणाद्रि व व्यंकटाद्रि कहा जाता है. इनमें से व्यंकटाद्रि नाम की चोटी पर भगवान विष्णु विराजित हैं और इसी वजह से उन्हें व्यंकटेश्वर के नाम से जाना जाता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-