नई दिल्ली. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की तरफ से पंजाब सरकार पर 1026 करोड़ रुपए के लगाए गए जुर्माने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है. इस मामले को लेकर कोर्ट ने राज्य सरकार को बड़ी राहत दी है. शीर्ष अदालत ने इस पर रोक लगा दी है.
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एनजीटी के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर केंद्र और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को नोटिस जारी किया. राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सांघवी ने दलील दी है.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कुछ महीने पहले पंजाब सरकार पर एक हजार से अधिक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था, जिस पर शीर्ष अदालत ने रोक लगाई है. दरअसल, एनजीटी ने पुराने कचरे और सीवरेज डिस्चार्ज के मैनेजमेंट पर ठोस कदम न उठाने के मामले में पंजाब सरकार पर यह जुर्माना लगाया था. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कहा कि पंजाब में इस समय 53.87 लाख टन पुराना कचरा पड़ा हुआ है. जबकि पिछले दो साल में राज्य सरकार सिर्फ 10 लाख टन कचरे को ही डिस्पोज कर पाई है. एनजीटी ने कहा कि अगर इसी स्पीड से काम चलता रहा तो 53.87 लाख टन पुराना कचरे को डिस्पोज करने में 10 साल लग जाएंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-