दो अमेरिकी वैज्ञानिकों को मेडिसिन का नोबेल मिला, कोमाइक्रो क्रहृ्र की खोज के लिए मिला सम्मान

दो अमेरिकी वैज्ञानिकों को मेडिसिन का नोबेल मिला

प्रेषित समय :17:15:59 PM / Mon, Oct 7th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

स्टॉकहोम. नोबेल प्राइज 2024 के लिए विजेताओं की घोषणा आज यानी सोमवार, 7 अक्टूबर से शुरू हो गई है. आज मेडिसिन या फिजियोलॉजी के क्षेत्र में नोबेल प्राइज की घोषणा की गई है. 2024 के मेडिसिन का नोबेल प्राइज विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन को मिला है. उन्हें ये प्राइज माइक्रो आरएनए की खोज के लिए दिया गया है.

माइक्रो आरएनए से पता चलता है कि शरीर में कोशिकाएं कैसे बनती और काम करती हैं. दोनों जीन वैज्ञानिकों ने 1993 में माइक्रो आरएनए की खोज की थी. इंसान का जीन डीएनए और आरएनए से बना होता है. माइक्रो आरएनए मूल आरएनए का हिस्सा होता है. ये पिछले 50 करोड़ सालों से बहुकोशिकीय जीवों के जीनोम में विकसित हुआ है. अब तक इंसानों में अलग-अलग तरह के माइक्रो आरएनए के एक हजार से ज्यादा जीन की खोज हो चुकी है.

रुवकुन को गहरी नींद से जगाकर बताया नोबेल मिला है

गैरी रुवकुन को नोबेल प्राइज के बारे में बताने के लिए जब फोन किया गया तो वो गहरी नींद में थे. नोबेल कमेटी ने उन्हें नींद से जगाकर प्राइज मिलने की जानकारी दी. 7 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक विज्ञान, अर्थशास्त्र, साहित्य और शांति जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करने वाले लोगों को नोबेल प्राइज दिया जाएगा. ये प्राइज स्वीडन के स्टॉकहोम में दिए जा रहे हैं. नोबेल प्राइज में 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर यानी लगभग 8.90 करोड़ रुपए का कैश प्राइज दिया जाएगा.

123 साल से मिल रहा है नोबेल प्राइज

1901 में जब नोबेल प्राइज की शुरुआत हुई थी, तब से 2024 तक मेडिसिन की फील्ड में 229 लोगों को इससे सम्मानित किया जा चुका है. पिछली बार मेडिसिन का नोबेल प्राइज कैटलिन कारिको और ड्रू वीसमैन को मिला था. नोबेल प्राइज देने वाली कमेटी ने कहा था कि इनकी दी गई mRNA टेक्नोलॉजी से बनी कोरोना वैक्सीन के जरिए दुनिया कोरोना महामारी से निकल पाई. दरअसल, कोरोना के वक्त पहली बार ऐसा हुआ था जब mRNA टेक्नोलॉजी पर बेस्ड वैक्सीन बनी थी. इसे फाइजर, बायो एन टेक और मॉडर्ना ने बनाया था.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-