नई दिल्ली. 26 नवंबर 2008 के मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है. प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ उसकी अपील को अमेरिकी अदालत ने खारिज कर दिया है. अमेरिकी अदालत ने अपने फैसले में कहा कि दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे भारत भेजा जा सकता है.
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई बिजनेसमैन राणा ने नाइंथ सर्किट कोर्ट में पिछले साल एक याचिका दायर की थी. उसने गुहार लगाई थी कि सुनवाई तक उसे भारत को न सौंपा जाए. मई 2023 में भी एक अमेरिकी अदालत ने राणा की तरफ से दायर याचिका को खारिज कर दिया था. भारत को सौंपे जाने से बचने के लिए पाकिस्तानी मूल के तहव्वुर राणा ने अमेरिका की कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण दायर की थी. बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का इस्तेमाल उस समय किया जाता है जब किसी व्यक्ति को अवैध रूप से अभिरक्षा में रखा जाए. हालांकि लॉस एंजिलिस के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि जिन आरोपों को आधार बनाकर भारत ने तहव्वुर के प्रत्यर्पण की मांग की है. उन्हें देखते हुए उसके प्रत्यर्पण की इजाजत दी जा सकती है. अपने खिलाफ फैसला आने के बाद राणा ने नाइंथ सर्किट कोर्ट में एक और याचिका दायर की थी. इसी पर फैसला आया. जिसमें बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज करने को सही ठहराया गया. पैनल ने माना कि राणा का अपराध अमेरिका और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि की शर्तों के अंतर्गत आता है.
मास्टरमाइंड डेविड हेडली के बचपन का दोस्त है तहव्वुर-
पिछले साल कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकारी वकीलों ने तर्क दिया था कि तहव्वुर इस हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली का बचपन का दोस्त है. उसे पता था कि हेडली लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर काम कर रहा है. हेडली की मदद करके व उसे आर्थिक मदद पहुंचाकर तहव्वुर आतंकी संस्था उसके साथ आतंकियों को भी सपोर्ट कर रहा था. राणा को जानकारी थी कि हेडली किससे मिल रहा हैए क्या बात कर रहा है. उसे हमले की प्लानिंग और कुछ टारगेट्स के नाम भी पता थे. अमेरिकी सरकार ने कहा है कि राणा इस पूरी साजिश का हिस्सा था और इस बात की पूरी आशंका है कि उसने आतंकी हमले को फंडिंग देने का अपराध किया है.
9 आतंकियों को निशान-ए-हैदर दिलवाना चाहता था-
कोर्ट की तरफ से जारी किए गए प्रत्यर्पण के ऑर्डर के अनुसार इस हमले का एक सह आरोपी राणा से दुबई में मिला था. 25 दिसंबर 2008 को उसने हेडली को एक मेल लिखकर पूछा कि राणा कैसा है. क्या वह घबराया हुआ है या रिलैक्स्ड है अगले दिन हेडली ने जवाब दिया था कि राणा एकदम बेफिक्र है और मुझे भी समझा रहा है कि मैं न घबराऊं. 7 सितंबर 2009 को राणा ने हेडली से कहा था कि मुंबई हमले में मारे जाने वाले 9 आतंकियों को पाकिस्तानी सेना का सबसे ऊंचा सम्मान निशाने.हैदर दिया जाना चाहिए. उसने हेडली से यह भी कहा था कि मुंबई हमले की साजिश में मदद करने वाले एक साथी को बताए कि उसे टॉप-क्लास का मेडल मिलना चाहिए. भारत ने राणा को भगोड़ा घोषित कर रखा है. राणा के खिलाफ अगस्त 2018 में भारत की नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ;छप्.द्ध के स्पेशल कोर्ट ने भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. उसे 2009 में गिरफ्तार किया गया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली हाईकोर्ट ने बर्खास्त ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर को दी बड़ी राहत, गिरफ्तारी पर लगाई रोक
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