पाकिस्तान : एससीओ समिट के लिए इस्लामाबाद बंद करने का फैसला, भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर भी शामिल हो रहे

पाकिस्तान : एससीओ समिट के लिए इस्लामाबाद बंद करने का फैसला, भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर भी शामिल हो रहे

प्रेषित समय :15:07:29 PM / Sun, Oct 13th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर
इस्लामाबाद. पाकिस्तान में 15-16 अक्टूबर को शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (स्ष्टह्र) समिट होने वाली है। इसकी तैयारियां को लेकर रविवार (13 अक्टूबर) को पाकिस्तानी अधिकारियों की एक बैठक हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैठक में समिट के लिए राजधानी इस्लामाबाद को बंद करने का फैसला किया जा रहा है। दरअसल, क्कञ्जढ्ढ कार्यकर्ताओं के हिंसक प्रदर्शनों और राजनीतिक अशांति को लेकर पाकिस्तान की सरकार परेशान है। शहबाज शरीफ नहीं चाहते समिट के दौरान प्रदर्शनों से सुरक्षा हालात बिगड़ें और देश की छवि खराब हो। इस समिट में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी हिस्सा लेंगे। उनके अलावा समिट में चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग, रूसी प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन समेत अन्य देशों के प्रमुख शामिल होंगे। राजधानी में प्रदर्शन करने पर रोक पाकिस्तान में समिट के चलते राजधानी इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगा दी गई है। शहर में सेना की तैनाती की अनुमति दी गई है। इसके अलावा विपक्षी नेता इमरान खान के समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है। सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और सीनियर एनालिस्ट इम्तियाज गुल ने बताया कि, यह समिट पाकिस्तान के लिए बेहद जरूरी है। इसलिए सरकार सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम कर रही है। यह कोशिश है कि कार्यक्रम बिना किसी अप्रिय घटना के शांति से हो जाए। इमरान खान की पार्टी ने विरोध की चेतावनी दी विपक्षी नेता इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ ने समिट के दौरान विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। दरअसल, इमरान जेल में बंद है और उनके समर्थक उनकी रिहाई की मांग को लेकर कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। इससे पहले 5 अक्टूबर को इमरान समर्थकों ने इस्लामाबाद में प्रदर्शन किया था। इसके बाद शहर को 3 दिन के लिए बंद कर दिया गया था। मोबाइल नेटवर्क बंद करने के साथ शहर से बाहर आने-जाने वाले रास्तों को भी बंद किया गया था। समिट से पहले आतंकी हमलों ने चिंता बढ़ाई पाकिस्तान में समिट शुरू होने से पहले 2 आतंकी हमले हो चुके हैं। इससे सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। पहला हमला 6 अक्टूबर को कराची एयरपोर्ट के पास हुआ। इस हमले में 2 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस पर चीन ने अपराधियों को कड़ी सजा देने की मांग की। दूसरा हमला 11 अक्टूबर को बलूचिस्तान प्रांत में एक प्राइवेट कोयला खदान पर हुआ। इसमें 20 लोगों की मौत हुई थी। पाकिस्तानी मीडिया डॉन के मुताबिक, हमलावरों ने रॉकेट और हैंड ग्रेनेड समेत कई आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया था। Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-