अहोई अष्टमी के दिन राधाकुण्ड में स्नान या डुबकी लगाने का हिन्दू मान्यता के अनुसार विशेष महत्व है. जिन लोगों को गर्भधारण करने में समस्या आती है, वे इस दिन श्री कृष्ण की पत्नी राधा रानी का आशीवार्द प्राप्त करने हेतु राधा कुंड में डुबकी लगाते हैं.
पंचांग के अनुसार, कार्तिक कृष्ण पक्ष अष्टमी को इस पर्व को मनाया जाता है.
राधा कुण्ड अर्ध रात्रि स्नान मुहूर्त - 11:38 पी एम 24 अक्टूबर से 12:29 ए एम, 25 अक्टूबर तक *(गुरुवार रात्री11:38 से 12 :29 तक)* .
अहोई अष्टमी व्रत.
बृहस्पतिवार, 24 अक्टूबर को अष्टमी तिथि प्रारम्भ - 01:18 ए एम
मान्यता के अनुसार, अहोई अष्टमी के दिन राधाकुण्ड में डुबकी लगाने से गर्भधारण में सफलता प्राप्त होती है. इस विश्वास के साथ ही प्रति वर्ष हज़ारों की संख्या में जोड़े गोवर्धन पहुंचते हैं, जहाँ वे डुबकी लगाकर राधा रानी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें.
मध्यरात्रि के समय, जिसे निशिता काल कहा जाता है, को यह पवित्र डुबकी लगाने का सर्वश्रेष्ठ समय माना गया है.
अतः स्नान मध्यरात्रि से आरम्भ होकर पूरी रात चलता है. अपनी मनोकामना शीघ्र पूर्ण हो व सफलता के साथ गर्भधारण हो सके, इसलिए दंपत्ति पानी में खड़े होकर (कुष्मांडा, कच्चा सफेद कद्दू, जिसे पेठा भी कहा जाता है) राधा रानी को अर्पण करते हैं. कुष्मांडा को लाल वस्त्र में सजाकर अर्पित किया जाता है.
जिन जोड़ों की मन्नत पूर्ण हो जाती है, वे अपना आभार प्रकट करने हेतु, राधाकुण्ड की पुनः यात्रा करते हैं व डुबकी लगाकर राधा रानी के प्रति धन्यवाद प्रकट करते हैं.
अहोई अष्टमी राधा कुण्ड स्नान बृहस्पतिवार, 24 अक्टूबर 2024 को
प्रेषित समय :19:21:28 PM / Sun, Oct 20th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर