BRICS शिखर सम्मेलन 2024- पीएम मोदी बोले, आतंकवाद पर दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं

BRICS शिखर सम्मेलन 2024- पीएम मोदी बोले, आतंकवाद पर दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं

प्रेषित समय :16:47:24 PM / Wed, Oct 23rd, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

कजान. रूस के कजान में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2024 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा, आतंकवाद और इसके वित्तपोषण से निपटने के लिए हम सभी को एकजुट होना होगा. मजबूती से सहयोग करना होगा. ऐसे गंभीर मुद्दे पर दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं है. हमें अपने देशों के युवाओं में कट्टरपंथ को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए. हमें संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के लंबित मुद्दे पर मिलकर काम करना होगा.

उन्होंने कहा, भारत ब्रिक्स भागीदार देश के रूप में नए देशों का स्वागत करने के लिए तैयार है. इस संबंध में सभी फैसले सर्वसम्मति से लिए जाने चाहिए. ब्रिक्स के संस्थापक सदस्यों के विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए. हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, बहुपक्षीय विकास बैंक, विश्व व्यापार संगठन जैसी वैश्विक संस्थाओं में सुधार के लिए आगे बढ़ना चाहिए. ब्रिक्स की छवि ऐसी न हो कि हम वैश्विक संस्थाओं में सुधार नहीं करना चाहते बल्कि उन्हें बदलना चाहते हैं.

उन्होंने कहा, हमारी यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब दुनिया युद्ध, संघर्ष, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद जैसी कई चुनौतियों से घिरी हुई है. दुनिया में उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम विभाजन की बात हो रही है...और, तकनीक के युग में साइबर सुरक्षा, डीप फेक, दुष्प्रचार जैसी नई चुनौतियां सामने आई हैं. ऐसे में ब्रिक्स से बहुत उम्मीदें हैं. मेरा मानना है कि एक विविध और समावेशी मंच के रूप में ब्रिक्स सभी मुद्दों पर सकारात्मक भूमिका निभा सकता है. इस संदर्भ में हमारा दृष्टिकोण जन-केंद्रित रहना चाहिए. हमें दुनिया को यह संदेश देना चाहिए कि ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं बल्कि जनहित समूह है.

साइबर सुरक्षा, डीप फेक और गलत सूचना से निपटने अपनाएं जन-केंद्रित दृष्टिकोण

नरेंद्र मोदी ने कहा, हमारी बैठक ऐसे समय में हो रही है जब दुनिया लड़ाई, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसी चुनौतियों से घिरी है. उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम विभाजन की बात हो रही है. तकनीक के युग में साइबर सुरक्षा, डीप फेक और गलत प्रचार जैसी नई चुनौतियां सामने आई हैं. ऐसे में ब्रिक्स से बहुत उम्मीदें हैं. हमारा दृष्टिकोण जन-केंद्रित रहना चाहिए. हमें दुनिया को यह संदेश देना चाहिए कि ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं बल्कि जनहित समूह है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-