पूर्वाभास एवं अदृश्य शक्ति को महसूस करने के ज्योतिषीय योग

पूर्वाभास एवं अदृश्य शक्ति को महसूस करने के ज्योतिषीय योग

प्रेषित समय :01:28:04 AM / Sat, Nov 2nd, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

1. शनि-चन्द्रमा की युति अष्टम भाव में हो तथा अष्टमेश का सम्बन्ध नवम अथवा पंचम भाव से हो.
2. गुरु नवमेश हो या नवम भाव से सम्बन्ध बनाता हो.राहु या शनि में किसी एक ग्रह का सम्बन्ध गुरु के साथ हो तथा अष्टमेश पंचम से सम्बन्ध बनाता हो.
3. अष्टम भाव अथवा अष्टमेश का सम्बन्ध शनि तथा पंचम और नवम भाव से हो.
4. लग्नेश-पंचमेश तथा नवमेश अष्टम भाव में हों तथा अष्टमेश बली हो.
5. चन्द्र-राहु की युति अष्टम भाव में हो तथा गुरु-शनि का सम्बन्ध भी त्रिकोण भावों से होता हो.
6. पंचमेश-अष्टमेश का भाव परिवर्तन हो तथा चन्द्रमा शनि अथवा राहु से सम्बन्ध बनाता हो.
7. नवमेश-अष्टमेश का राशि परिवर्तन हो तथा लग्नेश का सम्बन्ध शनि से हो.
8. शनि-चन्द्रमा की युति पंचम भाव में हो तथा अष्टमेश का सम्बन्ध किसी भी प्रकार से पंचमेश अथवा लग्नेश से हो.
9. गुरु लग्न में हो, शनि अष्टम भाव में हो, अष्टमेश चन्द्रमा के साथ नवम अथवा पंचम भाव में हो.
10. गुरु, शनि, चन्द्रमा तथा राहु की युति अष्टम भाव में हो.
11. कुम्भ अथवा कर्क राशि अष्टम भाव में स्थित हो तथा शनि-चन्द्रमा की युति त्रिकोण अथवा अष्टम भाव में हो.
12. शनि-चन्द्रमा की युति शनि के नक्षत्रों (पुष्य, अनुराधा, उत्तरा भाद्रपद) में हो तथा गुरु-शनि के मध्य किसी प्रकार का सम्बन्ध हो.
13. पुष्य नक्षत्र अष्टम अथवा नवम भाव मध्य में हो तथा शनि-गुरु एवं चन्द्रमा की युति त्रिकोण भाव में हो.
ऊपर लिखे सभी योगों में व्यक्ति पूर्वाभास तथा अदृश्य शक्तियों को महसूस करने वाला होता है.यह स्थिति शनि तथा गुरु के बली होने पर स्थित होती है. इन शक्तियों के गुण अल्प मात्रा में कई व्यक्तियों में पाए जाते हैं, लेकिन इनकी पूर्णता गिने-चुने व्यक्तियों में ही होती है.कई मनुष्यों में यह शक्ति अध्यात्म में प्रवृत्त होने के पश्‍चात् आती है. वे अध्यात्म में आने के कुछ ही दिनों पश्‍चात् दुनियाभर के सभी सुखों को भूलकर अपनी इन्हीं शक्तियों को जाग्रत करने में लग जाते हैं. गुरु कृपा से शीघ्र ही उन्हें ऐसी शक्तियॉं प्राप्त हो जाती है.जब उनकी जन्मपत्रिका के अनुसार शनि आदि ग्रह तथा अष्टमेश आदि ग्रहों की दशाएँ आती हैं, तो इन्हें ऐसी शक्तियों का ज्ञान अधिक रूप से स्पष्ट होने लगता है.जब शनि अथवा इन शक्तियों के कारक ग्रह अष्टम भाव अथवा इससे त्रिकोण भावों में गोचर करते हैं तब भी वह इन शक्तियों को महसूस कर सकता है.
Palmist Astro Manish Paathak

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-