5 नवंबर 2024 को जो लोग विनायक चतुर्थी का व्रत रखेंगे, उनको पूजा करने के लिए सिर्फ 2 घंटे 11 मिनट का शुभ मुहूर्त प्राप्त होगा. पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह के 10 बजकर 59 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 10 मिनट तक है. इस शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की पूजा विधि-विधान से कर सकते हैं.इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह के 4 बजकर 52 मिनट से लेकर 5 बजकर 44 मिनट तक है. इस शुभ मुहूर्त में स्नान करना बहुत ही शुभ माना गया है. विनायक चतुर्थी के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह के 11 बजकर 43 मिनट से लेकर दोपहर के 12 बजकर 26 मिनट तक है.विनायक चतुर्थी: ज्ञान और धैर्य की प्राप्ति का पर्वहिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने दो चतुर्थी तिथियां आती हैं.
इनमें से अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है और व्रत रखा जाता है. भारत के अधिकांश हिस्सों में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है.पूजा विधि:प्रातःकालीन पूजन: इस दिन भक्त प्रातःकाल उठकर स्नान आदि करने के बाद गणपति बप्पा की विधि-विधान से पूजा करते हैं.व्रत: विनायक चतुर्थी के दिन अधिकतर भक्त व्रत रखते हैं.सांयकालीन पूजन: शाम को गणेशजी की प्रतिमा को फूलों से सजाया जाता है और पूजा की जाती है.चंद्र दर्शन: चंद्र दर्शन के बाद व्रत कथा पढ़ी जाती है और व्रत का पारण किया जाता है.
विनायक चतुर्थी का महत्व:
विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है. इस दिन भगवान गणेश से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश भक्तों को ज्ञान और धैर्य का वरदान देते हैं. ये दोनों गुण जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं.ज्ञान से व्यक्ति सही और गलत में फर्क कर पाता है. यह व्यक्ति को जीवन में सही निर्णय लेने में मदद करता है.धैर्य: धैर्य से व्यक्ति कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य बनाए रख पाता है. यह सफलता की ओर ले जाने वाला एक महत्वपूर्ण गुण है.:विनायक चतुर्थी का त्योहार ज्ञान और धैर्य के महत्व को दर्शाता है. इस दिन भगवान गणेश से प्रार्थना करने से व्यक्ति को इन गुणों की प्राप्ति होती है और जीवन में सफलता मिलती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-