छठ का आखिरी दिन ऊषा अर्घ्य कहलाता है। इस मौके पर गन्ने का बड़ा महत्व है। गन्ना मिठास, प्रचुरता और जीवन शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। छठ के दौरान, प्रकृति द्वारा उपहार में दी गई भरपूर फसल के प्रति आभार प्रकट करने के लिए अन्य फलों, सब्जियों और मिठाइयों के साथ गन्ना चढ़ाया जाता है। यही कारण है कि गन्ने के बिना छठ की पूजा अधूरी मानी जाती है। ऐसे में आप गन्ने की मीठी रोटी प्रसाद में बना सकते हैं। इसे भोग लगाकर खुद ग्रहण करने से आपको छठी मैया का आशीर्वाद प्राप्त होगा। चलिए आपको बताएं कि इसकी रेसिपी क्या है।
सामग्री
1 कप गेहूं का आटा
1/2 कप ताजा गन्ने का रस
1/4 कप गुड़ पाउडर
1/2 चम्मच सौंफ
1 बड़ा चम्मच घी
विधि- आप जैसे गुड़ या चीनी से मीठी रोटी बनाते हैं, इसे भी वैसे ही बनाना है। सबसे पहले परात में गेहूं का आटा, सौंफ, घी और गुड़ पाउडर डालकर अच्छी तरह से मिलाएं। अब गन्ने का फ्रेश रस लें। ध्यान रखें कि उसमें किसी भी तरह की मिलावट नहीं होनी चाहिए। आटे में धीरे-धीरे गन्ने का रस डालें, मिश्रण को तब तक गूंथें जब तक कि यह नरम आटा न बन जाए। गन्ने के रस के कारण आटा रंग में थोड़ा भूरा हो जाएगा, लेकिन कोई बात नहीं बस आटा चिपचिपा नहीं होना चाहिए। आटे को 10 मिनट के लिए ढककर रख दें। आटी सही ढंग से गूंथना चाहिए। इसके बाद फिर एक मिनट के लिए आटा गूंथें और इसकी मोटी लोई बना लें। चकले में थोड़ा आटा छिड़ककर लोई रखकर उसे मोटा-मोटा बेल लें। ध्यान रखें यह बहुत ज्यादा मोटी या एकदम पतली न हो।
मध्यम आंच पर तवा गरम करें और उसमें थोड़ा घी डालें। रोटी को गरम तवे पर रखें और तब तक पकाएं जब तक उसमें छोटे-छोटे बुलबुले न दिखने लगें। रोटी को पलटें और दूसरी तरफ से भी पकाएं। रोटी पर थोड़ा घी लगाएं। दोनों तरफ से सुनहरा भूरा और थोड़ा कुरकुरा होने तक उसे सेंक लें। ऐसे ही 3-4 मीठी रोटी बना लें। इसके बाद सभी रोटियों को 2-4 हिस्सों में बांट लें और इसे प्रसाद के रूप में छठी मैया को भोग लगाएं।