रेलवे मान्यता चुनाव: WCREU का प्रचार जारी, कर्मचारियों में उत्साह, समर्थन का वादा

रेलवे मान्यता चुनाव: WCREU का प्रचार जारी, कर्मचारियों में उत्साह, समर्थन का वादा

प्रेषित समय :18:27:56 PM / Tue, Nov 12th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. रेलवे में श्रमिक संगठनों की मान्यता के लिए अगले माह 4 से 6 दिसम्बर तक होने वाली वोटिंग के लिए जनसंपर्क धीरे-धीरे तेज पकड़ता जा रहा है. पश्चिम मध्य रेलवे में वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) ने रेल कर्मचारियों के बीच पहुंचकर उनसे लेम्प चुनाव चिन्ह पर वोट देने की अपील की. यूनियन को रेल कर्मचारियों ने अपना-अपना मत देने का वादा किया.

आज मंगलवार 12 नवम्बर को यूनियन के मंडल सचिव का. रोमेश मिश्रा के नेतृत्व मे बड़ी संख्या में पदाधिकारी व कार्यकर्ता, जिसमें का. प्रहलाद सिंह, जरनैल सिंह, जित्तू वर्मा, का. अजय गोस्वामी आदि ने कोचिंग डिपो के साथ-साथ सभी वाशिंग पिटों पर काम कर रहे कर्मचारियां के बीच पहुंचे और उनसे आगामी चुनाव में एक बार फिर अपना बहुमूल्य मत डबलूसीआरईयू के समर्थन में लेम्प निशान पर वोट देने का अनुरोध किया.

इस मौके पर काम. रोमेश मिश्रा ने कहा कि अभी तक जितने भी चुनाव रेलवे में हुए हुए हैं, चाहे वह मान्यता के हों या फिर ईसीसी सोसायटी के सभी चुनावों में कर्मचारियों ने अपना पूर्ण भरोसा व विश्वास यूनियन पर व्यक्त करते हुए नंबर वन यूनियन बनाया है और आगामी चुनाव  में और अधिक मत प्रतिशत से यूनियन को विजयी बनाएंगे. यूनियन कार्यकर्ता पदाधिकारी कोचिंग डिपो, वाशिंग पिट के अलावा एसी/टीएल व आईओडबलू आफिस में भी पहुंचकर एक-एक कर्मचारियां से मुलाकात की और वोट देने का अनुरोध किया.

उल्लेखनीय है कि एक दिन पूर्व सोमवार 11 नवम्बर को डबलूसीआरईयू महामंत्री का. मुकेश गालव के नेतृत्व में मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला, मंडल सचिव रोमेश मिश्रा, पूर्व मंडल सचिव नवीन लिटोरिया, सिंटू सिंह सहित बड़ी संख्या में यूनियन के अनेक पदाधिकारियों द्वारा पश्चिम मध्य रेलवे मुख्यालय के सभी विभागों में कर्मचारियों के बीच पहुंचकर समर्थन की अपील की. इस मौके पर कर्मचारियों ने अपना मत लेम्प पर देने का समर्थन  व्यक्त किया था

ओपीएस के लिए संघर्ष जारी रहेगा

कर्मचारियों से संपर्क के दौरान महामंत्री कामरेड मुकेश गालव ने भरोसा दिया कि डबलूसीआरईयू/एआईआरएफ ओल्ड पेंशन स्कीम के लिए अपना संघर्ष जारी रखेगी. एआईआरएफ-यूनियन के संघर्ष का परिणाम है कि एनपीएस की जगह केंद्र् सरकार यूपीएस लेकर आयी है, लेकिन हमारा संघर्ष ओपीएस लागू होने तक जारी रहेगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-