चेन्नई. मद्रास हाई कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा है कि प्रेम करने वाले युवक-युवती के बीच गले लगना और चूमना एक सामान्य बात है और इसे यौन उत्पीडऩ नहीं माना जा सकता. कोर्ट ने हाल ही में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया जिसमें एक युवक पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया गया था.
कोर्ट ने कहा कि जब दो लोग प्रेम संबंध में होते हैं तो उनके बीच शारीरिक निकटता होना स्वाभाविक है. भारतीय दंड संहिता की धारा 354A(1)(i) के तहत यौन उत्पीडऩ के लिए शारीरिक संपर्क का स्वरूप ऐसा होना चाहिए जो स्पष्ट रूप से अस्वीकार्य और यौन प्रकृति का हो.
इस मामले में एक युवक पर आरोप था कि उसने अपनी प्रेमिका को जबरन गले लगाया और चूमा था. पीडि़ता ने बाद में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. हालांकि, कोर्ट ने इस बात पर ध्यान दिया कि दोनों के बीच प्रेम संबंध थे और शिकायतकर्ता ने खुद ही याचिकाकर्ता से शादी के लिए कहा था. जब याचिकाकर्ता ने शादी से इनकार कर दिया तो उसने यह शिकायत दर्ज कराई.
कोर्ट ने कहा कि इस मामले में शिकायतकर्ता के आरोपों को मान भी लिया जाए तो भी याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है. कोर्ट ने कहा कि इस तरह की शिकायतें कानून का दुरुपयोग हैं और ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई जारी रखना उचित नहीं है.