अभिमनोज
उत्तराखंड के धारचूला निवासियों ने वर्ष 2023 में उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कहा था कि- 1996 में तवाघाट से पांगती के लिए बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ने रोड का निर्माण किया था, लेकिन निर्माण के दौरान बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ने रोड का मलबा उनकी कृषि योग्य भूमि पर डाल दिया, जिससे उनकी कृषि भूमि खराब हो गई, लिहाजा जब उन्होंने मुआवजा मांगा तो बीआरओ की ओर से आश्वासन तो दिया गया, परन्तु मुआवजा नहीं दिया.
खबरों की मानें तो.... इस 15 अक्टूबर को अदालत ने बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन के डायरेक्टर जनरल के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए 6 नवंबर 2024 को पेश होने के आदेश दिए थे, किन्तु वे न तो कोर्ट में पेश हुए और ना ही कोई जवाब पेश किया, विभाग ने संबंधित अधिकारियों को भेज दिया.
इसके बाद, रोड निर्माण के दौरान याचिकाकर्ताओं को मुआवजा नहीं दिए जाने के मामले में न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन के डायरेक्टर जनरल को पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर 4 दिसंबर 2024 को अदालत में पेश होने के आदेश दिए हैं.
यही नहीं, इस आचरण पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि- जब बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन के डायरेक्टर जनरल के खिलाफ जमानती वारंट जारी हुए हैं, तो उनको अदालत के आदेश का पालन करना चाहिए था!
उत्तराखंड हाईकोर्ट: आदेश का पालन नहीं करने पर हाईकोर्ट सख्त, डायरेक्टर जनरल को कोर्ट में पेश होने के आदेश!
प्रेषित समय :19:52:21 PM / Thu, Nov 7th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर