जन्म पत्रिका में प्रथम स्थान में शुक्र का प्रभाव

जन्म पत्रिका में प्रथम स्थान में शुक्र का प्रभाव

प्रेषित समय :20:28:47 PM / Wed, Nov 13th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

लग्न में शुक्र की स्थिति से जातक प्रायः उत्तम कोटि के कपड़े पहनना पसंद करता है एवं रहन-सहन में नजाकता नफासत पसंद होता है. जातक अपने सौंदर्य का विशेष ध्यान रखता है एवं सौंदर्य प्रसाधनों का शौकीन होता है. स्त्रियों की जन्म पत्रिका में लग्नस्थ् शुक्र के प्रभाव से वे अति सुन्दर होती है.

स्वभावः द्वितीय स्थान में स्थित शुक्र के प्रभाव से जातक मिष्ठान प्रिय, यशस्वी, सुखी, कलाप्रिय एवं भाग्यशाली होता है. वह कर्त्तव्य, चतुर और अच्छा वक्ता भी होता है.
पूर्ण दृष्टिः द्वितीय शुक्र की पूर्ण दृष्टि अष्टम भाव पर पड़ती है जिससे जातक सामान्य या गुप्त रोगी हो सकता है. जातक कफ व वात रोगों से भी प्रभावित होता है. शुक्र की अष्टम स्थान पर दृष्टि से जातक पर्यटनशील एवं विदेशवासी होता है.

मित्र/शत्रु राशिः शुक्र के स्व, उच्च या मित्र राशियों में होने से जातक उत्तम सुख प्राप्त करता है. मित्र राशियों में होने से जातक को धन, यश, लोकप्रियता व बड़े कुटुंब की प्राप्ति होती है. शत्रु व नीच राशि में शुक्र के होने पर शुभ फल में न्यूनता आती है. शत्रु राशि का शुक्र होने पर जातक का धन संचय नहा होता. जातक को पैतृक संपत्ति की प्राप्ति में भी अनेक बाधाएँ आती हैं. जातक के पारिवारिक सुख में भी न्यूनता होती है.

भाव विशेषः द्वितीयस्थ शुक्र के प्रभाव से जातक धन का अर्जन व बचत करता है. जातक मित्रों के लिए हितैषी होता है. शुक्र के प्रभाव से जातक पारिवारिक व्यवसाय को आगे बढ़ाता है. कला के क्षेत्र में जातक प्रसिद्ध प्राप्त करता है. प्रतिकूल प्रभाव से कुमित्रों की संगति में बर्बाद होता है. जातक में धैर्य नही होता है जिससे वह बिना
सोचे समझे निर्णय लेता है एवं अनेक कष्ट उठाता है.

Pooja Gautam

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-