ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर कुंडली में राहु ग्रह की स्थिति अच्छी हो तो यह जातक के जीवन में शुभ परिणाम भी देते हैं. जातक की कुंडली में राहु के शुभ भाव में होने पर व्यक्ति को हर एक कार्य में सफलता और धनार्जन करने के मौके मिलते हैं. जिन जातकों की कुंडली में राहु शुभ परिणाम देने वाले सिद्ध होते हैं वे लोग बहुत ही तीव्र बुद्धि वाले होते हैं. ऐसे जातक दर्शन और विज्ञान में गहरी रुचि रखते हैं. कुंडली में राहु की शुभ स्थिति होने पर व्यक्ति अपने जीवन में उच्च पदों की प्राप्ति करता है.
कुंडली में केतु का नकारात्मक प्रभाव:-
राहु और केतु दोनों ही ग्रह हमेशा उल्टी चाल से चलते हैं. राहु-केतु करीब 18 महीने में एक से दूसरी राशि में परिवर्तन करते हैं. जिसका असर उन जातकों के जीवन में गहरा होता है, जिन पर राहु-केतु का असर होता है. राहु की तरह ही केतु को भी अशुभ फल देने वाला छाया ग्रह माना जाता है. अगर किसी जातक की कुंडली में केतु अशुभ भाव में बैठा होता है तो व्यक्ति को नींद, धन हानि, धन लाभ में परेशानी, पारिवारिक तनाव, संतान कष्ट और जोड़ों में दर्द जैसी समस्याओं से घिरा हुआ होता है.
कुंडली में केतु का सकारात्मक प्रभाव:-
केतु न सिर्फ अशुभ फल देता है, बल्कि यह शुभ फल देने की क्षमता भी रखता है. अगर किसी जातक की कुंडली में केतु शुभ भाव में बैठते हैं तो व्यक्ति को जीवन में मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा, धन और संतान की प्राप्ति होती है. कुंडली में केतु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति का आत्मविश्वास काफी बढ़ता है.
राहु के अशुभ होने के संकेत
– घर के आसपास कई बार मरा हुआ सांप या छिपकली दिखाई दे तो समझिए आपके लिए राहु अच्छे संकेत नहीं दे रहे हैं. इस तरह के संकेतों का मिलना आपके लिए अशुभ राहु के संकेत माना जाता है. कहा जाता है इससे जातक का बना बनाया काम बिगड़ जाता हैं.
– अगर घर का कोई पालतु जानवर या पक्षी गुम हो जाए या मर जाए तो ये माना जाता है कि आपके ऊपर अशुभ राहु की छाया है. इसके साथ ही आपके घर में कई तरह के अशुभ घटना घटित होने लग जाते हैं.
– जब याददाश्त कमजोर होने लगे तो यह अशुभ राहु के संकेत माना जाता है.
– वाद-विवाद बढ़ने लगे और परिवार के सदस्यों के बीच आपस में मनमुटाव होने लगे तो इसे भी अशुभ राहु के संकेत माना जाता है.
– जब अचानक नाखून और सिर के बाल गिरने लगे तो समझिए आपकी कुंडली में राहु अशुभ घर में बैठे हुए हैं.