JABALPUR : संतो-महापुरुषों के विचारों को आत्मसात करना ही हमारा उदेश्य, समरसता सेवा संगठन ने किया विचार गोष्ठी-सम्मान समारोह का आयोजन

JABALPUR : संतो-महापुरुषों के विचारों को आत्मसात करना ही हमारा उदेश्य, समरसता सेवा संगठन ने किया विचार गोष्ठी-सम्मान समारोह का आयोजन

प्रेषित समय :19:58:44 PM / Sat, Nov 16th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर में समरसता सेवा संगठन द्वारा महर्षि सुदर्शन एवं जननायक बिरसा मुंडा की जन्म जयंती पर विचार गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. मनमोहन नगर में आयोजित कार्यक्रम में संत स्वामी कालीनंद महाराज, मुख्य अतिथि उपायुक्त आयकर अरविंद नामदेव,  मुख्य वक्ता अनिमेष अटल, समरसता सेवा संगठन के अध्यक्ष संदीप जैन, सचिव उज्ज्वल पचौरी की प्रमुख रुप से उपस्थित रहे.

                               इस मौके पर संत स्वामी कालीनंद महाराज ने कार्यक्रम में आशीर्वचन देते हुए कहा समरसता सेवा संगठन हमारे संतो, महापुरुषों के जीवन काल में किए कार्यों व विचारो को जन जन में पहुंचा रहा है. इस संगठन ने संस्कारधानी से समरसता का जो दीप जलाया है इसका संदेश पूरे भारत में जा रहा है. आज इस कार्यक्रम में हमे अपने साथ कुछ लेकर जाना है. अपने लिए नही अपितु समाज व देश के लिए कुछ कर सके यह भाव हर किसी के अंदर होना चाहिए. पूज्य कालीनंद ने कहा संगठन और संस्थाएं बनती है. अपने उद्देश्य को लेकर आगे बढ़ती है. समरसता सेवा संगठन का गठन जिस पावन उद्देश्य को लेकर हुआ है यह बहुत पवित्र कार्य है. क्योंकि हमारे देश में जिस तरह से षड्यंत्रो के चलते लोगो के बीच में दूरी बनाने का जो कार्य किया जा रहा है इससे लोगो को बचाने के लिए समरसता के भाव की आज महती आवश्यकता है. विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता अनिमेष अटल ने कहा समरसता सेवा संगठन ने जो कार्य प्रारंभ किया उसकी अलख पूरे भारत में जाग रही है.

उन्होंने कहा विचार गोष्ठी का अर्थ यह नहीं कि किसी महापुरुष का जीवन परिचय और कृतित्व को जान लिया. यह इस मंच का उद्देश्य नही अपितु इस मंच का उद्देश्य है कि उनके विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करे साथ ही भारत भूमि जिसमे महापुरुषों, वीरों और वीरांगनाओं का जन्म हुआ उसको जानना होगा. उन्होंने कहा आज महर्षि सुदर्शन की जयंती के अवसर पर हम एकत्र हुए है जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन मानव सेवा और कल्याण में लगा दिया. भगवान श्रीकृष्ण के अन्नय कृपा पात्र भक्त जिन्हे स्वयं भगवान ने सुदर्शन चक्र के रूप में अपने हाथो में धारण किया. हमारी भूमि ऐसे संतो को भूमि रही है जिन्होंने इस भूमि को पुण्यभूमि बनाया है इसीलिए हम कह सकते है कि देवताओं ने हमे दृष्टि दी तो संतो ने द्रष्टिकोण दिया हैं और तब जाकर मानव जीवन आगे बढ़ा है. उन्होंने कहा जननायक वीर बिरसा मुंडा जिन्हे क्रांति दूत धरती के आबा कहा गया उनकी जन्म जयंती भी हम मना रहे है ऐसे क्रांतिकारी ने अपने देश के लिए क्या किया कैसे किया और क्यों किया यह जानना तो आवश्यक है ही साथ ही अपने अंदर के सुषुप्त अवस्था में सोए बिरसा मुंडा को जाग्रत करना आवश्यक है.

मुख्य अतिथि अरविंद नामदेव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा महर्षि सुदर्शन के जीवन से हम सीख सकते है कि हमे समाज को अपना परिवार मानना हैए परोपकार और भक्ति की भावना अपने अंदर रखनी है. हमारी सनातन परंपरा में सहिष्णुता को प्रमुख माना है अपने अंदर सहिष्णुताए सद्भाव लाना होगी जिससे समरसता आएगी. कार्यक्रम के द्वितीय चरण में परसादीलाल बिरहा, जगदीश चोहटेल, श्यामनारायण बिरहा, पप्पू  सुरेश तामिया, भरत बिरहा, अशोक कटारे, दीपक नाहर, संजय बिरहा, मनोहर, अजय अर्खेल, जितेंद्र मलिक, अजय अधिकार, राजकुमार चोहटेल, प्रमोद चोहटेल, साहिल समुंद्रे का सम्मान किया गया. इस अवसर पर अनिल तिवारी, अरुण विश्वकर्मा, राजेश तिवारी, सुधीर नामदेव, पुरषोत्तम सराफ, आलोक पाठक, राजेश  चौरसिया, मनोज सेन, कमलेश तिवारी, मनोज साहू, चंद्रशेखर शर्मा, अंशुल अग्रवाल, उमेश शुक्ला, राजेंद्र सिंह ठाकुर, महेश स्थापक, शैलेश चौबे, गिरधारी लाल नामदेव, सुधीर नामदेव, अमर पटेल, बलराम पटेल, ऋ षि सेनए उपस्थित थे.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-