अमरावती. आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्र बाबू नायडू ने एपी पंचायत राज और नगरपालिका अधिनियमों में संशोधन करने के लिए विधेयक पारित किया. जिससे तीन दशक पुरानी नीति को प्रभावी रूप से समाप्त कर दिया गया, जिसके तहत दो से अधिक बच्चों वाले व्यक्तियों को स्थानीय निकाय चुनाव लडऩे से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. राज्य सरकार द्वारा कानून में किए गए संशोधनों के अनुसार,अब कोई भी व्यक्ति चाहे उसके कितने भी बच्चे हों, स्थानीय निकाय चुनाव लड़ सकता है.
बता दें कि 1994 में तत्कालीन मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की सरकार द्वारा शुरू किए गए दो-बच्चों के नियम का उद्देश्य जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना था. जिससे दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवारों को ग्राम पंचायतों, मंडल प्रजा परिषदों और जिला परिषदों के लिए चुनाव लडऩे से रोक दिया. वहीं दो बच्चों के नियम के तहत कुछ सरकारी नौकरियां और कुछ मामलों में विशिष्ट लाभ प्राप्त करना भी शामिल था.
राज्य सरकार का तर्क
टीडीपी के वरिष्ठ नेता ने इस मामले में बताया कि राज्य सरकार द्वारा उठाए गया ये कदम प्रदेश में 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की घटती आबादी को देखते हुए है. जिसके लिए सरकार ने तर्क दिया है कि दो बच्चों का मानदंड अब अनावश्यक और उलटा है.
एक नजर नियम बदलाव पर
बिल में कहा गया है चूंकि घटती प्रजनन दर जनसंख्या स्थिरीकरण और बदलती सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियाँ पुरानी और प्रतिकूल साबित हुईं इसलिए सरकार को लगा कि जनसंख्या को नियंत्रित करने के उद्देश्य से बनाई गई धाराओं को निरस्त करने से समावेशी शासन को बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही इस कानून के जरिए समकालीन सामाजिक मूल्यों को प्रतिबिंबित किया जा सकेगा और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं और जनसांख्यिकीय रुझानों के साथ तालमेल बिठाया जा सकेगा.
नीति में बदलाव पर बोले चंद्र बाबू नायडू
राज्य में घटती जनसंख्या दर नायडू सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. जिसको लेकर मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने कहा कि परिवार नियोजन के पिछले सफल संचालन के बाद अब समय आ गया है कि महिलाओं और परिवारों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए. बता दें कि आंध्र प्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1994, आंध्र प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1965 और नगर निगम अधिनियम 1955 को संशोधित करने के लिए संशोधन पेश किए गए थे. इन बदलावों के बाद अब दो से अधिक बच्चों वाले व्यक्ति अब स्थानीय निकाय चुनाव लड़ सकेंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-