मास्को. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अहम फैसले के तहत संशोधित परमाणु नीति पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. इस नई नीति के तहत अगर कोई देश किसी परमाणु युद्ध संपन्न देश की मदद से रूस पर हमला करता है तो इसे देश पर संयुक्त हमला माना जाएगा और उस स्थिति में रूस की सरकार परमाणु हथियार का इस्तेमाल कर सकेगी. रूस ने इस बदलाव में कन्वेंशनल मिसाइल के हमले के साथ-साथ ड्रोन या दूसरे एयरक्राफ्ट के अटैक को भी शामिल किया है.
न्यूक्लियर सिद्धांतों में हुए बदलाव के अनुसार, रूस के खिलाफ किया गया ऐसा हमला, अगर किसी गठबंधन के सदस्य देश की ओर से होता है तो मॉस्को इस आक्रमण को पूरे गठबंधन की ओर से किया गया हमला मानेगा. यानी अगर अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल रूस के खिलाफ होता है तो रूस इसके लिए पूरे हृ्रञ्जह्र गठबंधन को जिम्मेदार मानेगा. पुतिन के इस फैसले पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहस शुरू हो गई है कि क्या दुनिया में फिर परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ गया है.
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को रूस पर हमला करने के लिए अमेरिका द्वारा दी गई लंबी दूरी की मिसाइलों के इस्तेमाल को पहली बार अनुमति दी. मामले से वाकिफ लोगों ने यह जानकारी दी. बाइडेन द्वारा लिया गया यह निर्णय अमेरिका की नीति में एक बड़ा बदलाव है. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब मौजूदा राष्ट्रपति बाइडेन का कार्यकाल खत्म होने वाला है और राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप पहले ही यूक्रेन को दिये जाने वाले अमेरिकी समर्थन को सीमित करने तथा युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करने की बात कह चुके हैं.
परमाणु युद्ध का दुनिया में खतरा मंडराया, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चली ऐसी चाल
प्रेषित समय :18:21:13 PM / Tue, Nov 19th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर