जयपुर. राजस्थान की सात सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा का प्रभावशाली प्रदर्शन रहा. उपचुनाव में सात विधानसभा क्षेत्रों में से पांच पर भाजपा ने जीत हासिल कर ली है. कांग्रेस के पास इनमें से 4 सीटें थीं. लेकिन वो सिर्फ दौसा जीतने में कामयाब रही जबकि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) 2008 में अपनी स्थापना के बाद पहली बार खींवसर की अपनी एकमात्र सीट हार गई. जिसे उसका घरेलू क्षेत्र भी माना जाता है.
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस चार निर्वाचन क्षेत्रों में तीसरे स्थान पर रही. जिसे देख यही कहा जा रहा है कि भाजपा जिसकी सीटें लोकसभा चुनावों में 24 से घटकर 14 रह गईं. विद्रोहों को रोकने, कांग्रेस की तुलना में अधिक उत्साही अभियान से लडऩे और सत्तारूढ़ पार्टी होने से लाभ हुआ है. कांग्रेस जो एक समय अच्छे प्रदर्शन के लिए तैयार दिख रही थी. हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद गति खो बैठी फिर उबर नहीं सकी. नतीजों से जहां मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की छवि मजबूत हुई है. वहीं आरएलपी के दिग्गज नेता हनुमान बेनीवाल, कांग्रेस के ओला परिवार व भाजपा के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को उपचुनाव में बड़ा झटका लगा है.
चुनाव में भाजपा के पास सिर्फ एक सीट सलूंबर थी जिसे पार्टी ने बरकरार रखा. जबकि बीएपी के जितेश कटारा ने यहां अधिकांश राउंड में बढ़त बनाए रखी. भाजपा की शांता मीना, अमृत लाल की पत्नी जिनकी मृत्यु के कारण उपचुनाव की आवश्यकता पड़ी. आखिरी चरण में जितेश को पछाड़ दिया और करीब 1300 वोटों से सीट जीत ली. भाजपा ने सलूंबर के अलावा झुंझुनू, रामगढ़, देवली-उनियारा व खींवसर सीटें जीतीं. कांग्रेस और आरएलपी के लिए एक बड़े झटके में, भाजपा ने झुंझुनूए जो ओला परिवार का गढ़ था और खींवसर जिसे आरएलपी का गढ़ माना जाता था, जीत लिया. झुंझुनू में भाजपा ने आखिरी बार 21 साल पहले जीत हासिल की थी.
उसके बाद यह सीट 2008, 2013, 2018 व 2023 में कांग्रेस के बृजेंद्र ओला ने जीती. उनके लोकसभा चुनाव से पहले उपचुनाव की आवश्यकता पड़ी. उपचुनाव में कांग्रेस ने ओला के बेटे अमित को मैदान में उतारा. जो भाजपा के राजेंद्र भांबू से निर्णायक 43000 वोटों से हार गए. आरएलपी 2008 में अपनी स्थापना के बाद पहली बार खींवसर हार गई. पिछले चुनावों में पार्टी प्रमुख हनुमान बेनीवाल और उनके भाई नारायण बेनीवाल को मैदान में उतारने के बाद पार्टी ने हनुमान की पत्नी कनिका को मैदान में उतारा जो भाजपा के रेवंत राम से करीब 14000 वोटों से हार गईं. देवली-उनियारा में, भाजपा के राजेंद्र गुर्जर ने 41000 से अधिक वोटों से जीत हासिल की. जबकि कांग्रेस के बागी नरेश मीना, मतदान के दिन एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने के लिए चर्चा में रहे. दूसरे स्थान पर रहे व कांग्रेस के के सी मीना तीसरे स्थान पर रहे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-