मऊ. पैसे का अभाव और मजबूरी ऐसी कि पत्नी की मौत के बाद उसके शव को 50 किलोमीटर तक ठेले पर लाद कर घर ले आने को मजबूर हो गया पति. इस बेबसी और लाचारी के सामने मानवता शून्य हो गई. किसी ने भी उसकी कोई मदद नहीं की.
आपको बता दें कि घोसी तहसील के दादानपुर अहिरौली गांव के निवासी गुलाबचंद (60 वर्ष) की पत्नी चंद्रमा देवी (55 वर्ष) काफी दिनों से लगातार बीमार चल रही थी. डॉक्टर से इलाज के दौरान किसी ने झाड़ फूंक की सलाह दी. सलाह मान कर वह अपनी पत्नी को लेकर बलिया जिले के नगरा पहुंचे. वहां पर झाड़ फूंक के दौरान पत्नी की मौत हो गई. व्यक्ति के पास लाश को गांव ले आने के लिए पैसे नहीं थे. उन्होंने कई लोगों से मदद की गुहार लगाई. पर कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया.
मदद नहीं मिलने के बाद उसने अपनी पत्नी के शव को रात के 12 बजे ठेले पर लादा और वहां से घर के लिए निकल गया. दिन में लगभग 11 बजे वह शव ले कर राघौली गांव पहुंचा. उसी समय किसी ने घोसी कोतवाल को यह सूचना दी. सूचना के बाद उन्होंने शव ले जाने वाली गाड़ी से शव को उसके गांव दादनपुर अहिरौली पहुंचाया और अंतिम संस्कार का पूरा खर्च भी दिया. गुलाबचंद ने बताया कि उसके चार बच्चे हैं,सब अलग रहते हैं. वह और उसकी पत्नी दोनों मेहनत मजदूरी करके अपना पेट पालते थे.
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