WCREU चुनाव के समय नहीं बल्कि वर्ष में 365 दिन रेल कर्मचारियों के बीच रहती है, फिर बनेगी नंबर वन यूनियन

WCREU चुनाव के समय नहीं बल्कि वर्ष में 365 दिन रेल कर्मचारियों के बीच रहती है, फिर बनेगी नंबर वन यूनियन

प्रेषित समय :18:46:36 PM / Tue, Nov 26th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) के महामंत्री का. मुकेश गालव ने कहा है कि आठवां वेतन आयोग के गठन पर केंद्र सरकार ने जनवरी 25 तक कोई निर्णय नहीं लिया तो इसके लिए आरपार का आंदोलन किया जाएगा. साथ ही यूपीएस को ओपीएस से बेहतर स्कीम बनाने तक एआईआरएफ/डबलूसीआरईयू का संघर्ष लगातार जारी रहेगा.

श्री गालव ने कहा कि अन्य संगठनों की तरह केवल चुनाव के समय नजर नहीं आता है, यूनियन चौबीस घंटे- 365 दिन कर्मचारियों के बीच मौजूद रहता है. यही कारण है कि उसे (यूनियन) को कर्मचारियों का भरपूर समर्थन मिलता रहा है. इसका उदाहरण पिछले दिनों हुए रेलवे सोसायटी का चुनाव है, जिसमें जबलपुर मंडल की सभी 29 सीटों पर लाल झंडे का परचम लहराया है. यह बात डबलूसीआरईयू के महामंत्री का. मुकेश गालव ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही. इस मौके पर यूनियन के मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला व मंडल सचिव रोमेश मिश्रा मौजूद रहे.

यूनियन महामंत्री का. मुकेश गालव ने कहा कि आगामी 4, 5 व 6 दिसम्बर को रेलवे में ट्रेड यूनियन के गुप्त मतदान के संबंध में कहा कि एआईआरएफ के काफी संघर्षों के बाद न्यायालय के आदेश  के बाद सीक्रेट बैलेट रेलवे में होना शुरू हुआ, इसके पहले केंद्र में जो सरकार रहती थी, वह अपने संगठन को मान्यता देने का काम करती  रही है. उन्होंने कहा कि इस बार का चुनाव अन्य चुनाव से काफी अलग है. रेल कर्मचारियों को समझ में आ गया है कि जो संगठन हमेशा उनके सुख-दुख में खड़ा रहता है, उसे समर्थन देना है और डबलूसीआरईयू इस कसौटी पर पूरी तरह खरा उतरता है. इसलिए रेल कर्मचारियों का वोट यूनियन के चुनाव चिन्ह लेम्प पर पड़ेगा.

यूनियन का संबंध हर कर्मचारी से व्यक्तिगत, उनकी सेवा में मुस्तैद

श्री गालव ने कहा कि डबलूसीआरईयू का संबंध हर कर्मचारी से व्यक्तिगत रूप से जुड़ा हुआ है, उनकी हर समस्याएं, चाहे वह पर्सनल हो या फिर ड्यूटी की, उन सभी को हल कराने के लिए यूनियन पदाधिकारी हर समय मुस्तैद रहते हैं. जबलपुर के साथ-साथ कोटा व मंडल मेें भी दूर-दराज स्टेशनों से उपचार के लिए आने वाले कर्मचारी व उनके परिवारों को जरूरत के वक्त ब्लड दिलाने का काम हो या किसी अस्पताल में रेफर कराना हो, यूनियन यह सेवा करती रहती है.

ओपीएस की भांति यूपीएस को बेहतर बनाने तक चैन से नहीं बैठेंगे

यूनियन महामंत्री का. मुकेश गालव ने कहा कि एनपीएस की जगह ओपीएस के लिए जो संघर्ष एआईआरएफ/डबलूसीआरईयू ने शुरू किया था, उसके परिणामस्वरूप 80 प्रतिशत सफलता यूपीएस के रूप में मिली है, लेकिन जो 20 प्रतिशत लाभ ओपीएस की तरह मिलने से बचा है, इसके लिए संघर्ष प्रयास करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि हमारा संघर्ष यूपीएस को ओपीएस से भी बेहतर बनाने तक जारी रहेगा.

8वां वेतन आयोग का गठन जनवरी 25 तक नहीं हुआ तो होगा आंदोलन

श्री गालव ने कहा कि एआईआरएफ/डबलूसीआरईयू ने निर्णय लिया है कि यदि केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 तक आठवां वेतन आयोग के गठन नहीं किया तो इसके लिए  जोरदार आंदोलन होगा और इसकी जवाबदारी केंद्र सरकार की होगी. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के कैडर रिस्ट्रक्चरिंग सहित तमाम ज्वलंत मुद्दे हैं, जो उनके संगठन की प्राथमिकता हैं, उन्हें हर हाल में पूरा कराया जाएगा. कैडर रिस्ट्रक्चरिंग से कर्मचारियों के पदोन्नति के अवसर बढ़ेंगे.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-