चित्रकूट प्रभु श्रीराम की तपोस्थली रही है. ऐसे में अगर आप ठंड के समय में चित्रकूट घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो आप चित्रकूट में रामघाट, कामदगिरि, लक्ष्मण पहाड़िया, गुप्त गोदावरी, सती अनसुईया जाना न भूलें. इन जगहो पर सुंदरता के साथ साथ एक अद्भुत दृश्य देखने को मिलेगा.
सती अनुसुइया- सती अनुसुइया अपने आप में एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है.सती अनुसुइया ऋषि अत्रि मुनि की पत्नी थीं. मान्यता है कि उनके तपोबल से मंदाकिनी का उद्गम चित्रकूट में से ही हुआ था. इसीलिए सती अनुसुइया का स्थान खास चित्रकूट में माना जाता है. यहां हर रोज हजारों लाखों की तादाद में श्रद्धालु आते है.
राम की तपोस्थली- यह वही नगरी है. जहां मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ पहाड़ी की दो कंदराओं में वक्त बिताया था. मान्यता है कि इस गुफा में गोदावरी नदी गुप्त रूप से बहती है और गुफा के बाहर आकर विलीन हो जाती है. इस गुफा में घूमने के लिए लोग यहां दूर दूर से आते हैं.
रामघाट- धर्म नगरी चित्रकूट में रामघाट वह स्थान है, जहां पर प्रभु राम अपने वनवास काल के समय राम घाट में स्नान किया करते थे. इसी स्थान में उनके भाई भरत ने भी स्नान किया था. मान्यता है कि तुलसी दास को चित्रकूट के रामघाट में ही प्रभु राम के दर्शन हुए थे.
कामदगिरि मंदिर- धर्म नगरी चित्रकूट का कामदगिरि मंदिर रेलवे स्टेशन से करीब 7 किलोमीटर दूर है. यह वही स्थान है. जहां प्रभु श्री राम कामदगिरि पर्वत में वनवास काल के दौरान रहा करते थे. आज भी उनके स्वरूप के कामदगिरि महाराज मंदिर में विराजमान हैं, जो अभी भक्तों की मनोकामनाओं को पूरी करते हैं.
लक्ष्मण पहाड़िया- धर्म नगरी चित्रकूट में एक स्थान को लक्ष्मण पहाड़िया के नाम से भी जाना जाता है. बता दें कि वनवास काल के दौरान जब प्रभु श्री राम चित्रकूट आए थे. तब भाई लक्ष्मण के द्वारा लक्ष्मण पहाड़ियों से उनकी रक्षा किया करते थे, जो स्थान आज भी चित्रकूट के लक्ष्मण पहाड़िया में मौजूद है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-