कोटा: डबलूसीआरईयू की चुनावी महासभा का आयोजन, यूपीएस को ओपीएस से बेहतर बनाने तक संघर्ष जारी रहेगा: मुकेश गालव

कोटा: डबलूसीआरईयू की चुनावी महासभा का आयोजन

प्रेषित समय :19:33:05 PM / Fri, Nov 29th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

कोटा. वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन (डबलूसीआरईयू)की चुनावी महासभा का आयोजन शुक्रवा 29 नवम्बर को कोटा वैगन रिपेयर शॉप कारखाना में आयोजित किया गया. इस मौके पर यूनियन के महामंत्री का. मुकेश गालव ने कहाकि यूपीएस को ओपीएस से बेहतर बनाने के साथ ही रेल कर्मचारियों की अन्य सभी मांगों को पूरा करने के लिए आरपार का संघर्ष करेंगे.

यूनियन के कोषाध्यक्ष इरशाद खान ने बताया कि आगामी 04,05 व 06 दिसम्बर को भारतीय रेल में ट्रेड यूनियन की मान्यता के चुनाव होना है और इस चुनावी दौर में महासभा को संबोधित करते हुये यूनियन के महामंत्री कॉमरेड मुकेश गालव ने बताया कि एनपीएस की जगह ओपीएस के लिए जो संघर्ष एआईआरएफ/डबलूसीआरईयू ने शुरू किया था, उसके परिणामस्वरूप यूपीएस के रूप में सफलता मिली है, लेकिन लाभ ओपीएस की तरह मिलने से बचा है जिसमें ओपीएस में पीएफ की राशि जो कर्मचारी के मासिक वेतन से सेवानिवृति तक काट कर पीएफ खाते में कराया जाता था जिसका भुगतान कर्मचारी को सेवानिवृति पर प्रभावी ब्याज सहित भुगतान कर दिया जाता था, परन्तु यह प्रावधान वर्तमान यूपीएस में नहीं है. जिसके लिये डब्ल्यूसीआरईयू/एआईआरएफ यूपीएस में जमा राशि को कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के समय ब्याज सहित भुगतान करवाने के लिये संघर्ष कर रही है. जिसको निश्चित रूप से सरकार से लड़ाई लड़ कर प्राप्त कर लिया जायेगा. तब तक डब्ल्यूसीआरईयू/एआईआरएफ का संघर्ष यूपीएस को ओपीएस से भी बेहतर बनाने तक जारी रहेगा.

आठवां वेतन आयोग के गठन के लिए केंद्र पर दबाव  बनाया है

इसी प्रकार आठवें वेतन आयोग का गठन करवाने के लिये डब्ल्यूसीआरईयू/एआईआरएफ पुरजोर तरीके से सरकार पर दबाव बनाए हुए है. डब्ल्यूसीआरईयू/एआईआरएफ सही समय पर रेलकर्मचारियों को आठवां वेतन आयोग दिलवाने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है जिससे रेलकर्मचारियों के वेतन व पदोन्नति के अवसरों में वृद्धि होगी. साथ ही रेलवे में हो निजीकरण के विरूद्ध भी डब्ल्यूसीआरईयू/एआईआरएफ भरपूर विरोध कर रही है. किसी भी सूरत में रेलवे में निजीकरण नहीं होने दिया जायेगा.

ओपीएस की सुविधाएं दिलाना हमारा संकल्प : गालव

कॉमरेड मुकेश गालव ने कहा कि रेल कर्मचारियों की लंबित मांगों जैसे ओ पी एस में मिलने वाली सभी सुविधाएं दिलवाना, रेल का निजीकरण रोकना, 18 माह का बकाया डीए का भुगतान, 8 वां वेतन आयोग, ट्रैक पर काम करने वाली सभी कैटेगरी को हार्ड शिप एवं रिस्क अलाउंस, एलडीसीई ओपन टू ऑल, सभी कर्मचारियों के लिये 4600 ग्रेड पे तक पदोन्नति के अवसर खोलना, एमएसीपीएस 10,20,30 के स्थान पर 8,16,24,32 करवाना, एमएसीपीएस की पदोन्नति गुड एपीएआर के आधार पर करवाना, महिलाओं को मिलने वाले 20 प्रतिशत काटी गई चाइल्ड केयर लीव पुन: बहाल करवाना, वर्कशॉप में काम करने वाले सभी कर्मचारियों के लिये बढ़ाये गये लॉट के आधार पर इंसेंटिव दर बढ़वाना, सभी ग्रुप सी एवं डी कर्मचारियों को बिना सीलिंग लिमिट के नाईट डयूटी एवं एनएच का भुगतान करवाना, पोस्ट सरेंडर बन्द करवाया तथा क्रिएशन से बैन हटवाना, कैडर रिस्ट्रक्चरिंग कमेटी की सिफारिशों को अन्तिम रूप देकर लागू करवाना आदि मांगो की पूर्ति तक यूनियन और फेडरेशन का संघर्ष जारी रहेगा.

एआईआरएफ का 100 साल का इतिहास गौरवपूर्ण : का. गालव

उन्होंने कहा कि 100 साल के उपलब्धि भरे इतिहास के कारण रेल कर्मचारियों का विश्वास सबसे ज्यादा लाल झण्डे की यूनियन पर है और यही विश्वास यूनियन की सबसे बड़ी ताकत है जो देश की इस एकमात्र गैर राजनीतिक यूनियन को रेल कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने का लगातार अवसर प्रदान कर रही है. महासभा को कोषाध्यक्ष इरशाद खान, जोनल सेक्रेट्री चम्पा वर्मा, उपाध्यक्ष अजय शर्मा, वर्कशॉप शाखा अध्यक्ष घनश्याम मीणा, सचिव मनोज गुप्ता ने भी संबोधित किया.
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-