सुप्रीम कोर्ट: टूटे रिश्ते आत्महत्या के लिए उकसाने की श्रेणी में नहीं आते

सुप्रीम कोर्ट: टूटे रिश्ते आत्महत्या के लिए उकसाने की श्रेणी में नहीं आते

प्रेषित समय :10:09:56 AM / Sat, Nov 30th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि टूटे हुए रिश्ते भावनात्मक रूप से कष्टदायक होते हैं, और यदि आत्महत्या के लिए उकसावे का कोई इरादा न हो तो यह खुद-ब-खुद उकसाने के अपराध की श्रेणी में नहीं आते. न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने एक फैसले में यह टिप्पणी की. शीर्ष अदालत ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें कमरुद्दीन दस्तगीर सनदी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत धोखाधड़ी और आत्महत्या के लिए उकसाने के अपराध में दोषी ठहराया गया था.

फैसले में कहा गया, ‘‘यह टूटे हुए रिश्ते का मामला है, न कि आपराधिक आचरण का.’’ सनदी पर शुरू में आईपीसी की धारा 417 (धोखाधड़ी), 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 376 (बलात्कार) के तहत आरोप लगाए गए थे. निचली अदालत ने उसे सभी आरोपों से बरी कर दिया, जबकि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की अपील पर उसे धोखाधड़ी और आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी ठहराया तथा पांच साल की कैद की सजा सुनाई. अदालत ने उस पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया.

मां के कहने पर दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार, उसकी 21-वर्षीय बेटी पिछले आठ साल से आरोपी से प्यार करती थी और अगस्त 2007 में उसने आत्महत्या कर ली थी, क्योंकि आरोपी ने शादी का वादा पूरा करने से मना कर दिया था. पीठ की ओर से न्यायमूर्ति मिथल ने 17 पन्नों का फैसला लिखा. पीठ ने महिला की मौत से पहले के दो बयानों का विश्लेषण किया और कहा कि न तो जोड़े के बीच शारीरिक संबंध का कोई आरोप था और न ही आत्महत्या के लिए कोई जानबूझकर किया गया कृत्य था. इसलिए फैसले में इस बात पर जोर दिया गया कि टूटे हुए रिश्ते भावनात्मक रूप से परेशान करने वाले होते हैं, लेकिन वे स्वत: आपराधिक कृत्य की श्रेणी में नहीं आते.

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, "यहां तक ​​कि वैसे मामलों में भी जहां पीड़िता क्रूरता के कारण आत्महत्या कर लेती है, अदालतों ने हमेशा माना है कि समाज में घरेलू जीवन में कलह और मतभेद काफी आम हैं और इस तरह के अपराध का होना काफी हद तक पीड़िता की मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है.’’

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-