जबलपुर.वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन (डबलूसीआरईयू) की गेट मीटिंग आज शनिवार 30 नवम्बर को कोचिंग डिपो परिसर में सुबह आयोजित की गई. इस दौरान यूनियन के मंडल अध्यक्ष का. बीएन शुक्ला, मंडल सचिव का. रोमेश मिश्रा ने आठवें वेतन आयोग, यूपीएस को ओपीएस से बेहतर बनाने का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि यह चुनाव रेल कर्मचारियों के भविष्य निर्धारण करने वाला चुनाव है.
उन्होंने कहा कि एक तरफ हमेशा रेल कर्मचारियों के लिए काम करने वाली डबलूसीआरईयू है तो दूसरी तरफ झूठे वायदे करने, कर्मचारियों के चंदे के पैसे का गोलमाल करने वाला संगठन है. अन्य संगठनों का तो किसी न किसी राजनीतिक दलों के अनुषांगिक संगठन हैं, केवल यूनियन ही ऐसा संगठन है, जिसका किसी भी राजनीतिक दल से कोई जुड़ाव नहीं है. चुनावी गेट मीटिंग में ईसीसी के डायरेक्टर प्रहलाद सिंह, सुशांत नील शुक्ला, समीर शर्मा, जित्तू वर्मा, कृष्णा राव, चंदन गुप्ता सहित बड़ी संख्या में महिला-पुरुष रेल कर्मचारी शामिल थे.
उल्लेखनीय है कि आगामी 04, 05 व 06 दिसम्बर को भारतीय रेल में ट्रेड यूनियन की मान्यता के चुनाव होना है और इस चुनावी दौर में महासभा को संबोधित करते हुए यूनियन के अध्यक्ष श्री शुक्ला व मंडल सचिव का. मिश्रा ने बताया कि एनपीएस की जगह ओपीएस के लिए जो संघर्ष एआईआरएफ/डबलूसीआरईयू ने शुरू किया था, उसके परिणामस्वरूप यूपीएस के रूप में सफलता मिली है, लेकिन लाभ ओपीएस की तरह मिलने से बचा है.
जिसमें ओपीएस में पीएफ की राशि जो कर्मचारी के मासिक वेतन से सेवानिवृति तक काट कर पीएफ खाते में कराया जाता था जिसका भुगतान कर्मचारी को सेवानिवृति पर प्रभावी ब्याज सहित भुगतान कर दिया जाता था, परन्तु यह प्रावधान वर्तमान यूपीएस में नहीं है. जिसके लिये डब्ल्यूसीआरईयू/एआईआरएफ यूपीएस में जमा राशि को कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के समय ब्याज सहित भुगतान करवाने के लिये संघर्ष कर रही है. जिसको निश्चित रूप से सरकार से लड़ाई लड़ कर प्राप्त कर लिया जायेगा. तब तक डब्ल्यूसीआरईयू/एआईआरएफ का संघर्ष यूपीएस को ओपीएस से भी बेहतर बनाने तक जारी रहेगा.
आठवां वेतन आयोग के गठन के लिए केंद्र पर दबाव बनाया है
इसी प्रकार आठवें वेतन आयोग का गठन करवाने के लिये डब्ल्यूसीआरईयू/एआईआरएफ पुरजोर तरीके से सरकार पर दबाव बनाए हुए है. डब्ल्यूसीआरईयू/एआईआरएफ सही समय पर रेलकर्मचारियों को आठवां वेतन आयोग दिलवाने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है जिससे रेलकर्मचारियों के वेतन व पदोन्नति के अवसरों में वृद्धि होगी. साथ ही रेलवे में हो निजीकरण के विरुद्ध भी डब्ल्यूसीआरईयू/एआईआरएफ भरपूर विरोध कर रही है. किसी भी सूरत में रेलवे में निजीकरण नहीं होने दिया जायेगा.
ओपीएस की सुविधाएं दिलाना हमारा संकल्प
डबलूसीआरईयू नेताओं ने कहा कि रेल कर्मचारियों की लंबित मांगों जैसे ओ पी एस में मिलने वाली सभी सुविधाएं दिलवाना, रेल का निजीकरण रोकना, 18 माह का बकाया डीए का भुगतान, 8 वां वेतन आयोग, ट्रैक पर काम करने वाली सभी कैटेगरी को हार्ड शिप एवं रिस्क अलाउंस, एलडीसीई ओपन टू ऑल, सभी कर्मचारियों के लिये 4600 ग्रेड पे तक पदोन्नति के अवसर खोलना, एमएसीपीएस 10,20,30 के स्थान पर 8,16,24,32 करवाना, एमएसीपीएस की पदोन्नति गुड एपीएआर के आधार पर करवाना, महिलाओं को मिलने वाले 20 प्रतिशत काटी गई चाइल्ड केयर लीव पुन: बहाल करवाना, वर्कशॉप में काम करने वाले सभी कर्मचारियों के लिये बढ़ाये गये लॉट के आधार पर इंसेंटिव दर बढ़वाना, सभी ग्रुप सी एवं डी कर्मचारियों को बिना सीलिंग लिमिट के नाईट डयूटी एवं एनएच का भुगतान करवाना, पोस्ट सरेंडर बन्द करवाया तथा क्रिएशन से बैन हटवाना, कैडर रिस्ट्रक्चरिंग कमेटी की सिफारिशों को अन्तिम रूप देकर लागू करवाना आदि मांगो की पूर्ति तक यूनियन और फेडरेशन का संघर्ष जारी रहेगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-