नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनमोहन ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने न्यायमूर्ति मनमोहन को पद की शपथ दिलाई. न्यायमूर्ति मनमोहन की नियुक्ति के साथ सर्वोच्च न्यायालय की कार्यात्मक शक्ति अब 34 की स्वीकृत शक्ति के मुकाबले 33 न्यायाधीशों तक बढ़ गई है.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 28 नवंबर को न्यायमूर्ति मनमोहन को शीर्ष अदालत में पदोन्नत करने की सिफारिश की थी. भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना व न्यायमूर्ति बीआर गवई, सूर्यकांत, हृषिकेश रॉय व अभय एस ओका के कॉलेजियम ने बैठक में निर्णय लिया. कॉलेजियम के प्रस्ताव में कहा गया जस्टिस मनमोहन नाम की सिफारिश करते समय, कॉलेजियम ने इस तथ्य को ध्यान में रखा कि वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट की बेंच का प्रतिनिधित्व दिल्ली उच्च न्यायालय के केवल एक न्यायाधीश द्वारा किया जाता है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सर्वसम्मति से सिफारिश की है कि न्यायमूर्ति मनमोहन को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाए.
न्यायमूर्ति मनमोहन का जन्म 17 दिसंबर 1962 को दिल्ली में हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मॉडर्न स्कूल बाराखंभा रोड से की और बीए की उपाधि प्राप्त की. ऑनर्स दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से इतिहास में. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर में दाखिला लिया और एलएलबी की उपाधि प्राप्त की. 1987 मेए और उसी वर्ष बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में एक वकील के रूप में नामांकित हुए. न्यायमूर्ति मनमोहन ने दिल्ली उच्च न्यायालय व भारत के सर्वोच्च न्यायालय में भारत सरकार के वरिष्ठ पैनल वकील के रूप में कार्य किया. जनवरी 2003 में उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ वकील नामित किया गया था. बाद में उन्हें 13 मार्च 2008 को दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 17 दिसंबर 2009 को स्थायी कर दिया गया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-