पलपल संवाददाता, भोपाल. एमपी के श्योपुर स्थित विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में हार का सामना करने वाले वन मंत्री राम निवास रावत का इस्तीफा 12 दिन बाद मंजूर हो गया है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने विदेश दौरे से लौटने के बाद 2 दिसंबर को रावत के इस्तीफे को अनुशंसा के लिए राज्यपाल मंगूभाई पटेल के पास भेजा था.
राजभवन की ओर से इस्तीफे की मंजूरी की प्रक्रिया पूरी कर ली गई. रावत का इस्तीफा मंजूर होते ही अब नए वन मंत्री की तलाश शुरू हो गई है. इस पद के लिए पीएचई मंत्री संपतिया उइके व विजय शाह की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है. इस महकमे को पाने के लिए दूसरे मंत्री भी तैयार हैं.
रावत कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए और वन मंत्री रहते हुए चुनाव लड़ा था. सूत्रों की माने तो ऐसे में सरकार उन्हें जल्द ही किसी नए पद की जिम्मेदारी दे सकती है. रावत का इस्तीफा मंजूर होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि यह महत्वपूर्ण महकमा किसे मिलेगा. मंत्रिमंडल में रावत के इस्तीफे के बाद मोहन कैबिनेट में अब कुल 32 मंत्री हैं. विधानसभा सदस्यों की संख्या के हिसाब से संवैधानिक व्यवस्था के मुताबिक अधिकतम 35 मंत्री (मुख्यमंत्री सहित) रह सकते हैं.
इस हिसाब से 3 मंत्रियों की गुंजाइश है लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार की फिलहाल कोई संभावना नहीं दिख रही है. ऐसी राजनीतिक परिस्थितियां भी नहीं हैं कि संगठन या सरकार के लिए विस्तार मजबूरी हो. इसकी संभावना ज्यादा है. किसी आदिवासी मंत्री को यह जिम्मेदारी मिल सकती हैए क्योंकि रावत से पहले यह विभाग आदिवासी मंत्री नागर सिंह के पास ही था.
नागर सिंह भी खुलकर दावेदारी कर चुके हैं. आदिवासी चेहरों में पीएचई मंत्री संपतिया उइके प्रबल दावेदार हैं. आदिवासियों से जुड़े मुद्दों के मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव फील्ड में उन्हें आगे करते रहे हैं. इससे सरकार महिला और आदिवासी दोनों वर्गों में मैसेज देगी. दूसरे दावेदार जनजातीय कार्य मंंत्री विजय शाह हैं जो दिल्ली तक लॉबिंग कर चुके हैं. शिवराज सरकार में वन विभाग उनके पास रह चुका है.
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