नई दिल्ली. कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया ने मंगलवार सुबह राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. विपक्ष ने धनखड़ पर सदन में पक्षपातपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस नेता रंजीत रंजन ने बताया है कि प्रस्ताव को 70 सांसदों ने समर्थन दिया है.
ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सदन में अडानी मुद्दे पर हंगामा करने के कांग्रेस की रणनीति पर सहमत नहीं हैं. इनके भी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन देने की उम्मीद है. कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा, सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए 50 सांसदों के साइन की जरूरत होती है. हमारे पास 70 सांसदों के साइन हैं. हमें पूरा विश्वास है कि हम राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं. इस मामले में कांग्रेस को दूसरी पार्टियों का साथ मिल रहा है. सभी एक साथ हैं. सदन में जो कुछ हो रहा है ऐसा पहले नहीं हुआ था.
सोमवार को धनखड़ के खिलाफ मतदान की उठी थी मांग
बता दें कि सोमवार को सदन में हंगामे के बाद धनखड़ के खिलाफ मतदान की मांग उठी थी. भाजपा ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर जॉर्ज सोरोस और उनके फाउंडेशन से पैसे लेने वाले मीडिया संगठन के साथ संबंधों को लेकर हमला किया था. जे.पी. नड्डा ने कहा था कि सोनिया गांधी और डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसिफिक फाउंडेशन के बीच संबंध हैं. इस फाउंडेशन ने स्वतंत्र कश्मीर की बात की है. यह संबंध भारत की छवि खराब करता है. इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंताएं पैदा हुईं हैं. हम इस पर चर्चा चाहते हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने नड्डा के इस तीखे हमले का जवाब देने की कोशिश की, लेकिन सांसदों के शोरगुल के कारण वह अपनी पूरी बात नहीं कह पाए. इस बीच सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. नड्डा और खडग़े को सोमवार शाम और मंगलवार सुबह सभापति से मिलने के लिए बुलाया गया था. इस टकराव को लेकर राज्यसभा सभापति के व्यवहार के कारण कांग्रेस ने उनके खिलाफ प्रस्ताव लाने का आह्वान किया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-