आस्ट्रेलिया की लैब से गायब हुए जानलेवा वायरस के 323 नमूने, कोविड-19 से 100 गुना ज्यादा खतरनाक

आस्ट्रेलिया की लैब से गायब हुए जानलेवा वायरस के 323 नमूने

प्रेषित समय :13:27:15 PM / Wed, Dec 11th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

केनबरा. ऑस्ट्रेलिया में क्वींसलैंड सरकार ने ऐलान किया कि उनके यहां की एक लैब से सैकड़ों घातक वायरस के नमूने गायब हो गए हैं. इसके बाद सरकार ने ऑस्ट्रेलिया के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट को निर्देश दिया है कि वो जैव सुरक्षा प्रोटोकॉल के उल्लंघन के मामले की तत्काल जांच शुरू करे.

बताया गया कि अगस्त 2023 में क्वींसलैंड की पब्लिक हेल्थ वायरोलॉजी लैबोरेटरी से कई संक्रामक वायरस की 323 वायल्स गायब हो गए हैं. जिनमें हेंड्रा वायरस, लिसावायरस और हंटावायरस शामिल हैं.

 लैब से वायरस गायब होना गंभीर जैव सुरक्षा चूक

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभी तक ये साफ नहीं है कि वायरस के नमूने चोरी हुए हैं या फिर उन्हें नष्ट कर दिया गया है. ऑस्ट्रेलिया के मंत्री टिमोथी निकोल्स ने कहा- जैव सुरक्षा प्रोटोकॉल के उल्लंघन और संक्रामक वायरस के नमूनों के गायब होने का मामला बेहद गंभीर है. क्वींसलैंड हेल्थ डिपार्टमेंट को इसकी जांच करनी चाहिए ताकि ऐसा दोबारा न हो. वहीं, बोस्टन में नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी में एआई और लाइफसाइंसेज के डायरेक्टर सैम स्कार्पिनो का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया में लैब से वायरस का गायब होना गंभीर जैव सुरक्षा चूक के बराबर है.

आखिर कितने घातक हैं हंटा और लिसावायरस

हेंड्रा एक जूनोटिक (पशु से मनुष्य में फैलने वाला) वायरस है, जो केवल ऑस्ट्रेलिया में पाया गया है. सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, हंटावायरस कई वायरस का एक परिवार है जो गंभीर बीमारियों और मौत का कारण बन सकता है. वहीं, लिसावायरस वायरस का एक समूह है, जो रेबीज का कारण बन सकता है.

कोविड-19 की तुलना में 100 गुना ज्यादा घातक

सैम स्कार्पिनो के मुताबिक, कुछ हंटावायरस की मृत्यु दर 1 प्रतिशत तक है. ये कोविड-19 की तुलना में 100 गुना ज्यादा घातक है, जबकि अन्य वायरस गंभीरता के मामले में कोविड-19 के समान ही हैं. उन्होंने कहा कि तीनों वायरस से पशुओं को भी हाई रिस्क है. स्कार्पिनो के मुताबिक, लिसावायरस परिवार में रेबीज वायरस होता है, जो समय पर उपचार न मिलने पर मनुष्यों में बेहद घातक होता है. हालांकि, इनमें से किसी भी वायरस के एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसमिट होने की सीमित क्षमता को देखते हुए महामारी का जोखिम बहुत कम है

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-