नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर सभी को चौंका दिया। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ब्रिस्बेन में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच के तुरंत बाद उन्होंने अपने संन्यास का ऐलान किया। 14 साल लंबे और यादगार करियर में अश्विन ने भारत के लिए 287 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 765 विकेट चटकाए। खासकर टेस्ट क्रिकेट में अश्विन का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा, जहां उन्होंने 535 विकेट अपने नाम किए। वे अनिल कुंबले के बाद टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज हैं।
ब्रिस्बेन टेस्ट मैच के ड्रॉ होने के बाद जब प्रशंसक मुकाबले पर चर्चा कर रहे थे, तभी अश्विन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने संन्यास का ऐलान किया। अश्विन कप्तान रोहित शर्मा के साथ मीडिया से बात करने आए थे। दोनों के चेहरे पर जीत या ड्रॉ की खुशी नहीं दिखी। इस दौरान अश्विन ने कहा, "मैं ज्यादा इंतजार किए बिना बताना चाहता हूं कि मैंने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है। मुझे लगता है कि यह सही समय है कि युवा खिलाड़ी टीम में आएं और अपनी भूमिका निभाएं।"
अश्विन के अचानक संन्यास पर कप्तान रोहित शर्मा ने कहा, "संन्यास लेना किसी भी खिलाड़ी का व्यक्तिगत फैसला होता है। हमें इस फैसले का सम्मान करना चाहिए। इस बारे में मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता।" वहीं, स्टार स्पोर्ट्स पर कमेंट्री कर रहे हरभजन सिंह ने इस फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा, "मुझे नहीं पता कि उन्होंने सीरीज के बीच में अचानक यह फैसला क्यों लिया। मुझे लगता है कि अश्विन अभी 2-3 साल और खेल सकते थे।" चेतेश्वर पुजारा ने अश्विन के साथ खेले गए क्रिकेट पर खुशी जाहिर की लेकिन उनके अचानक संन्यास पर अफसोस भी व्यक्त किया।
रविचंद्रन अश्विन ने अपने करियर में कई ऐतिहासिक प्रदर्शन किए। वे न केवल भारत के सबसे सफल ऑफ स्पिनरों में से एक हैं, बल्कि ऑलराउंडर के तौर पर भी टीम के लिए उपयोगी साबित हुए। उनका यह फैसला क्रिकेट प्रशंसकों और साथी खिलाड़ियों के लिए आश्चर्यजनक और भावुक कर देने वाला है।
Source : palpalindia
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