दिल्ली हाईकोर्ट: निर्दोष युवाओं को गुमराह करने वाले भाषणों को नजरअंदाज नहीं कर सकते!

दिल्ली हाईकोर्ट: निर्दोष युवाओं को गुमराह करने वाले भाषणों को नजरअंदाज नहीं कर सकते!

प्रेषित समय :19:17:46 PM / Tue, Dec 31st, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अभिमनोज
दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस अमित शर्मा की बेंच ने भारत में अलकायदा के कथित सहयोगी मोहम्मद अब्दुल रहमान की याचिका खारिज करते हुए महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा है कि- निर्दोष युवाओं को गुमराह करने और उन्हें देश के खिलाफ अवैध गतिविधियों के लिए भड़काने वाले भाषणों को सिर्फ इसलिए नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि कोई विशिष्ट आतंकवादी कृत्य नहीं किया गया.
खबर है कि....  रहमान ने आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत निचली अदालत द्वारा उसे दोषी ठहराए जाने और सात साल पांच महीने की जेल की सजा सुनाये जाने के खिलाफ याचिका दायर की थी.
इस पर हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि- निर्दोष युवाओं को गुमराह करने के लिए दिए गए भाषणों और देश के खिलाफ गैरकानूनी, अवैध कार्य करने के लिए उन्हें भर्ती करने के प्रयासों को इस आधार पर पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता कि कोई विशिष्ट आतंकवादी कृत्य नहीं किया गया, क्योंकि याचिकाकर्ता ने यह दलील दी थी कि- उसे आतंकवादी गतिविधियों की तैयारी में संलिप्त होने और आतंकवादी कृत्य के लिए लोगों की भर्ती करने का दोषी ठहराया गया, लेकिन यह दर्शाने के लिए कोई सबूत नहीं है कि उसने ऐसे काम किए थे.
इस मामले में अदालत का कहना है कि- आतंकवादी कृत्य की परिभाषा काफी व्यापक है, जिसमें आतंकवादी संगठनों के साथ साजिश में शामिल होना और आतंकवादी संगठनों को सहयोग देने वाले लोगों से जुड़ना शामिल है, जबकि प्रावधानों के तहत सजा के लिए किसी खास आतंकवादी कृत्य की पहचान या मौजूदगी की जरूरत नहीं है.
खबरों पर भरोसा करें तो.... हाईकोर्ट ने निचली अदालत के दोषसिद्धि के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि- साक्ष्यों से यह पता चलता है कि वह अन्य आरोपियों के संपर्क में था, जो एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा थे, जिस नेटवर्क पर आरोप लगाया गया कि- यह भड़काऊ भाषण देता है, सामग्री प्रसारित करता है, पाकिस्तान स्थित संगठनों के साथ संबंध रखता है और गुप्त बैठकों के लिए वहां जाता है.
अदालत का कहना है कि- आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने की साजिश कई वर्षों तक चल सकती है, भले ही किसी विशिष्ट आतंकवादी कृत्य की पहचान न हुई हो, गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून की धारा 18 का उद्देश्य ऐसी तैयारी से निपटना है!

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-