OMG: पिता की मौत पर बेटे ने मनाया जश्न, नाचते गाते पहुंचा श्मशान घाट, अनोखे अंतिम संस्कार की हो रही खूब चर्चा

पिता की मौत पर बेटे ने मनाया जश्न, नाचते गाते पहुंचा श्मशान घाट

प्रेषित समय :19:03:09 PM / Fri, Jan 3rd, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

सुल्तानपुर. यूपी के सुल्तानपुर से एक अनोखे अंतिम संस्कार का मामला सामने आया है. यहां पिता की मौत पर बेटा रोया नहीं, बल्कि जश्न मनाया. वह ढोल-नगाड़े के बीच साथियों संग नाचते गाते श्मशान घाट पर पहुंचा. इसके बाद खुश होकर अंतिम संस्कार किया. मामले का वीडियो सामने आया तो लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया.  

मामला नगर कोतवाली क्षेत्र के नारायणपुर वार्ड के दुर्गापुर मोहल्ले का है. यहां के निवासी रामकिशोर मिश्रा का करीब 20 दिन पहले निधन हो गया था. उनकी आयु 80 वर्ष से अधिक थी. बेटे श्रीराम ने अनोखे तरीके से उनका अंतिम संस्कार किया. इसकी वीडियोग्राफी भी कराई.

श्रीराम ने पिता की मौत पर रोने की बजाय उनके गोलोकवासी होने पर जश्न मनाया. उन्होंने ढोल बजवाया. ढोल के बीच साथियों संग नाचते गाते पिता की अर्थी को श्मशान घाट तक ले गए. पिता की अर्थी पर उसी तरह नोट लुटाए, जिस तरह कोई आम आदमी शादी-विवाह की खुशी में नोट लुटाता है. वहां पर खुश होकर विधि विधान से पिता का अंतिम संस्कार किया.  

इसके बाद तेरह दिनों तक विधि विधान से क्रिया-कर्म संपन्न किए. यही नहीं तेरहवीं के दिन किसी शादी कार्यक्रम की तरह ही डीजे बजवाया. डीजे में नाचते गाते, खुशियां मनाते लोगों को भोज में खाना खिलाया. यानी पिता के गोलोकवासी होने पर उनके अंतिम क्रिया कर्मों को किसी शादी विवाह की तरह संपन्न किया.

इसके पीछे श्रीराम के क्या विचार थे, इस पर उन्होंने कहा कि इस नश्वर संसार से जो विदा होता है, वह दोबारा यहां नहीं आता. मेरे पिता गोलोक धाम को पधारे हैं. उनकी यह अंतिम बरात थी. अब उन्हें यहां दोबारा नहीं आना. इसलिए उन्हें रोकर नहीं बल्कि हंसते गाते हुए विदा किया है.

बेटे श्रीराम ने कहा कि लोग स्वार्थ के वश में होकर अपनों के जाने पर दुख व्यक्त करते हैं. जो सिर्फ एक दिखावा होता है. उनका मानना है कि किसी को भी रोते हुए इस संसार से विदा नहीं करना चाहिए. रोने से जाने वाली की आत्मा को दुख होता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-